स्कूल के छात्रों ने ही दी थी बम की फर्जी सूचना
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : सिहानी गेट थाना क्षेत्र के पटेलनगर स्थित चौधरी छबीलदास स्कूल में बम होन
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : सिहानी गेट थाना क्षेत्र के पटेलनगर स्थित चौधरी छबीलदास स्कूल में बम होने की फर्जी सूचना स्कूल के छात्रों ने ही दी थी। पुलिस ने कॉल को ट्रेस कर आरोपी चार छात्रों को हिरासत में ले लिया। छात्रों ने कॉल करने की बात कबूल की है। छात्रों ने यह कॉल क्लास रूम में ही बैठकर स्मार्ट वॉच में सिम कार्ड डालकर दी थी। स्मार्ट फोन एक छात्र ने चौपला बाजार से 2700 रुपये में खरीदा था और एक छात्र अपने घर पर रखा सिम कार्ड लेकर आया था। छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और उन्हें चेतावनी देकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया। पकड़ में आए आरोपी छात्र सामान्य परिवारों से संबंध रखते हैं और पढ़ाई में भी सामान्य हैं। वह पूर्व में भी स्कूल के भीतर खुराफात कर चुके हैं। अब स्कूल प्रबंधन चारों छात्रों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
एसपी सिटी सलमानताज पाटिल व सीओ द्वितीय मनीष कुमार मिश्रा ने प्रेसवार्ता में बताया कि स्कूल में बम होने की सूचना फर्जी निकलने के बाद पुलिस की टीमों को सूचना देने वाले का पता लगाने के लिए लगाया गया था। पुलिस ने बीएसएनएल की मदद से स्कूल में कॉल करने वाले नंबर का पता लगाया तो वह सिहानी के पास कृष्णा कालोनी का निकाला। पुलिस ने इस नंबर के पते पर जाकर तहकीकात की घर पर मौजूद एक छात्र ने घटना के बारे में बता दिया, इसके बाद पुलिस अन्य छात्रों तक पहुंच गई। छात्रों के स्कूल में कॉल करने के पीछे कोई मकसद नहीं था, यह कॉल सिर्फ मस्ती लेने के लिए कर दी गई थी। जब छात्रों ने एक बार कॉल किया तो स्कूल में कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई दी। इसके बाद उन्होंने दोबारा कॉल कर बम फटने की चेतावनी दी। थाना प्रभारी सिहानी गेट अवनीश गौतम ने बताया कि चारों छात्रों में एक छात्र ने चौपला से 2700 रुपये में स्मार्ट घड़ी खरीदी थी, इस घड़ी में फोन व कैमरे समेत अन्य एप्लीकेशन भी हैं। उसने साथी दोस्त से सिम कार्ड लाने के लिए कहा, इसके बाद क्लास रूम से बैठकर ही इस घड़ी से कॉल की गई। कॉल करने के बाद जब स्कूल में अफरातफरी का माहौल हुआ और पुलिस पहुंची तो चारों छात्र घबरा गए और स्कूल से निकल गए। इसके बाद छात्रों ने घड़ी को पटेलनगर के पास एक सूखे नाले में फेंक दिया और फरार हो गए। मामला शांत होता देख देर रात को एक छात्र जाकर नाले से घड़ी निकाल लाया। पुलिस ने छात्रों से यह घड़ी भी बरामद कर ली है।
आठ घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस को मिली कामयाबी
थाना प्रभारी अवनीश गौतम ने बताया कि आरोपी छात्रों का सुराग लगाने के लिए पुलिस को आठ घंटे की कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। दरअसल धमकी भरा फोन स्कूल के लैंडलाइन पर आया था। यदि यह कॉल लैंडलाइन के बजाए मोबाइल फोन पर आई होती या लैंडलाइन फोन पर कॉलर आईडी की सुविधा होती तो आरोपियों को पकड़ना पुलिस के लिए आसान हो जाता। सूचना फर्जी निकलने के बाद पुलिस ने बीएसएनएल से स्कूल के लैंडलाइन नंबर की सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) निकलवाया लेकिन इससे कोई मदद नहीं मिल सकी क्योंकि बीएसएनएल के सीडीआर में आऊटगोइंग नंबरों शामिल होते हैं इनक¨मग नहीं। इसके बाद पुलिस ने जांच जारी रखी और बीएसएनएल के टावरों का डंप डेटा एकत्र किया। इनमें पुलिस को हजारों नंबर मिले। इन नंबरों को फिल्टर किया गया तो कुछ संदिग्ध नंबर मिले। इन नंबरों में सूचना वाले समय पर स्कूल में आई कॉल के नंबरों को ट्रेस किया गया तो आरोपी पकड़ में आ गए।
स्कूल प्रबंधन की हो रही है सराहना
स्कूल में बम होने की सूचना के बाद जिस तरह से स्कूल प्रबंधन ने सूझबूझ का परिचय देते हुए स्थिति पर नियंत्रण पाया, इसको लेकर हर तरफ स्कूल प्रबंधन की सराहना की जा रही है। स्कूल प्रबंधन बिना छात्रों को कुछ बताए सुरक्षित खेल मैदान में ले आया और यहां से उन्हें घर रवाना कर दिया। यदि सूझबूझ का परिचय न दिया जाता तो बम की सूचना से स्कूल में भगदड़ भी मच सकती थी और ऐसी स्थिति में बड़ा हादसा हो सकता था।
यह था मामला
पटेलनगर स्थित चौधरी छबीलदास पब्लिक स्कूल में मंगलवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे लैंडलाइन फोन पर कॉल कर स्कूल में बम होने की सूचना दी। इस कॉल को स्कूल प्रबंधन ने फर्जी समझते हुए नजर अंदाज कर दिया। कुछ देर बाद ही दूसरी कॉल आई और कॉल करने वाले ने कुछ ही देर में बम फटने की धमकी दी। इसके बाद स्कूल प्रबंधन में हड़कंप मच गया और कॉल की सूचना पुलिस को दी गई। स्कूल प्रबंधन ने तत्काल ही छात्रों को बिना कुछ बताए स्कूल खाली करा लिया और सभी को खेल मैदान में ला खड़ा कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस, बम निरोधक दस्ते व डॉग स्क्वायड ने स्कूल की तलाशी ली तो कोई बम नहीं मिला। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। बम की यह सूचना पूरे शरह में आग की तरह फैली थी और दहशत में कई और स्कूल भी बंद कर दिए गए थे। अभिभावक अपने बच्चों की ¨चता में स्कूल की तरफ दौड़ पड़े। सूचना को लेकर पुलिस, प्रशासन, स्कूल प्रबंधन व अभिभावकों की सांसें अटकी रही थीं।
मोबाइल फोन की अनुमति नहीं तो खरीदी घड़ी
पुलिस पूछताछ में छात्रों ने खुलासा किया है कि स्कूल में मोबाइल फोन लाने की अनुमति नहीं है इसलिए उन्होंने स्मार्ट रिस्ट वॉच खरीदी थी। घड़ी चालू करने के बाद उनके मन में यह खुराफात आई थी कि कोई मजाक किया जाए, इसके चलते उन्होंने यह कॉल की। पुलिस का कहना है कि स्कूल प्रबंधनों को इस संबंध में निर्देश दिए जा रहे हैं कि इस तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को स्कूल में लाने की अनुमति न दी जाए। इन गैजेट्स का स्कूल में अन्य प्रकार का दुरुपयोग भी किया जा सकता है।
एसपी सिटी ने की छात्रों से अपील
एसपी सिटी सलमान ताज पाटिल ने जिले के सभी छात्र-छात्राओं से अपील की है कि भविष्य में कोई भी इस तरह की गैरजिम्मेदाराना हरकत न करें। उन्होंने कहा है कि इस तरह की हरकत से पुलिस का समय, एनर्जी व संसाधन तो बर्बाद होते ही हैं साथ ही दहशत का माहौल होता है। ऐसी हरकतों से अप्रिय घटना होने का अंदेशा भी बना रहता है, इसके चलते ऐसी हरकत कभी न करें जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़े।