मुसीबत बनेगी भितरघात व जातिगत समीकरण
भूपेंद्र तालान, गाजियाबाद : त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के मद्देनजर जिला पंचायत सदस्य व क्षेत्र पंचायत
भूपेंद्र तालान, गाजियाबाद : त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के मद्देनजर जिला पंचायत सदस्य व क्षेत्र पंचायत सदस्य(बीडीसी) पद पर चुनावी अखाड़े में ताल ठोंक रहे दिग्गजों के लिए भितरघात और बदल रहे जातिगत समीकरण इस बार बड़ी मुसीबत बनते दिख रहे हैं। किसी भी राजनीतिक दल के प्रत्याशी की अभी तक हालांकि हार-जीत की स्थिति स्पष्ट नहीं हो रही है। प्रत्येक सीट पर कई-कई दिग्गजों की दावेदारी से समीकरण बदल रहे हैं। भाजपा से लेकर कांग्रेस, सपा, बसपा व राष्ट्रीय लोकदल में अंदरखाने घमासान मचा है। इन सभी राजनीतिक दलों में अभी तक की स्थिति में कार्यकर्ता भले ही प्रत्याशी को चुनाव लड़ाने के लिए उनके साथ होने का दम भर रहे हों लेकिन वोट ट्रांसफर कराने से लेकर दूसरे दल और दूसरे प्रत्याशी को अंदरखाने वोट दिलाने में खुलकर धनबल का प्रयोग होने से भी गुरेज नहीं हो रहा है। लोनी व मुरादनगर ब्लाक में जिला पंचायत सदस्य व बीडीसी पदों के लिए नाम वापस लेने के बाद दिग्गजों की ओर से वोटरों को रिझाने की कसर नहीं छोड़ी जा रही है। ब्लॉक रजापुर व भोजपुर में पिछले एक माह से जिस तरीके से दिग्गजों द्वारा जनसंपर्क व सभाएं की जा रही हैं, उससे पंचायत चुनाव दिन-प्रतिदिन अब अपने पूरे शबाव पर है। बसपा की ओर से जिला पंचायत सदस्य के 18 वार्डों में जहां 17 प्रत्याशियों को समर्थित प्रत्याशित घोषित किया गया है वहीं भाजपा, सपा व कांग्रेस की ओर से अभी तक समर्थित प्रत्याशियों की स्थिति भी स्पष्ट नहीं हो पा रही है। रालोद ने छह प्रत्याशियों को अपना समर्थित प्रत्याशी घोषित किया है। गांवों में किसी भी दल के प्रत्याशी का मजबूत वोट बैंक नहीं होने से इस बार चुनावी समीकरण कुछ अलग दिख रहे हैं। प्रत्याशियों द्वारा हर हथकंडे वोट के लिए अपनाए जा रहे हैं। एक नवंबर को मतगणना पूरी होने के बाद ही स्पष्ट होगा कि कौन कितने पानी में रहा लेकिन हर दल में भितरघात और गांवों में गुटबाजी के चलते किसी भी प्रत्याशी के लिए जिला पंचायत सदस्य से लेकर बीडीसी सदस्य बनना बड़ी चुनौती माना जा रहा हैं।