श्रद्धांजलि को कोई शब्द नहीं
सोमवार शाम जब पूर्व राष्ट्रपति व भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के निधन की खबर सुनी, तो स्तब्ध रह ग
By Edited By: Published: Tue, 28 Jul 2015 08:16 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2015 08:16 PM (IST)
सोमवार शाम जब पूर्व राष्ट्रपति व भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के निधन की खबर सुनी, तो स्तब्ध रह गया। उनके साथ बिताए पल आंखों के सामने घूमने लगे। राष्ट्रपति भवन में बर्चुअल विश्वविद्यालय के विकास का काम मिला था। उस दौरान डॉ. कलाम देश के राष्ट्रपति थे। काम के दौरान वह अक्सर आते थे और हमारे सिर पर हाथ फेरते हुए कुछ अच्छा व अलग करने की प्रेरणा देते थे। 15 दिन में उन्होंने इतना कुछ सिखा दिया, जो पूरे जीवन भर नहीं सीख सकता हूं। कुछ अलग करने को प्रेरित करने वाली वह बातें आज भी आंखों के सामने हैं, जैसे मानो कल की ही बात हो। डॉ. कलाम को श्रद्धांजलि देने के लिए कोई शब्द नहीं मिल रहा है।
- जय दीक्षित, शालीमार गार्डन मेन।
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