मुकदमा वापस लेने के लिए पीड़ित को धमका
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के प्लॉट व एक फ्लैट का फर्जी तरीक
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद :
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के प्लॉट व एक फ्लैट का फर्जी तरीके से सौदा कर लाखों रुपये ऐंठ धोखाधड़ी करने के आरोपियों पर पीड़ित को धमकाने के आरोप लगे हैं। पीड़ित का आरोप है कि आरोपी मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। मुकदमा वापस न लेने पर जान से मारने और झूठे केस में फंसाने की धमकी आरोपियों ने दी है। इस संबंध में बृहस्पतिवार को पीड़ित ने एसएसपी से शिकायत की।
पीड़ित गुलाब यादव निवासी बहरामपुर, विजयनगर ने बताया कि एक परिचित के माध्यम से उसकी मुलाकात जीडीए के बाबू विनय कुमार से हुई थी। गुलाब सिंह ने एक प्लॉट व एक फ्लैट खरीदने के लिए विनय से मदद मांगी। जिस पर विनय ने जीडीए के ही कर्मचारियों मेवालाल, प्रशांत कुमार व वीरपाल राघव से गुलाब की मुलाकात कराई। चारों ने मिलकर गुलाब को बताया कि ज्ञानखंड व गोविंदपुरम में एक प्लॉट और फ्लैट है। ज्ञानखंड के प्लॉट के लिए 80 लाख व गोविंदपुरम में प्लॉट के लिए 22 लाख रुपये की मांग की। 16 अप्रैल 2010 को गुलाब यादव ने बतौर एडवांस 25 लाख रुपये उन्हें दे दिए। बाकी रकम रजिस्ट्री के वक्त देने की बात तय हुई। जब गुलाब ने रजिस्ट्री कराने की बात कही तो आरोपी टरकाते रहे। शक होने पर गुलाब यादव ने जीडीए में जानकारी की तो ज्ञानखंड का प्लॉट उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के नाम और गोविंदपुरम का फ्लैट एक अन्य युवक के नाम अलॉट होने की जानकारी मिली। जिसके बाद गुलाब यादव ने सिहानी गेट थाने में जीडीए कर्मचारियों मेवालाल, प्रशांत कुमार, वीरपाल राघव व चंद्रपाल के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया। अब आरोपी मुकदमा वापस लेने के लिए पीड़ित को धमका रहे हैं।