एक लाख लोगों को प्यासा रखेंगी जर्जर पेयजल लाइनें
जागरण संवाददाता, वसुंधरा : गर्मी में वसुंधरा जोन के करीब एक लाख लोगों को पेयजल की किल्लत से जू
जागरण संवाददाता, वसुंधरा :
गर्मी में वसुंधरा जोन के करीब एक लाख लोगों को पेयजल की किल्लत से जूझना पड़ सकता है। इसकी वजह बनेंगी वसुंधरा जोन की जर्जर पाइप लाइनें जिन पर पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था टिकी हुई है। वसुंधरा की कई कॉलोनियों की पेयजल लाइनें जुगाड़ पर चल रही हैं। प्रचंड गर्मी में इन लोगों को स्वच्छ पेयजल किल्लत से जूझना पड़ सकता है।
गर्मी की शुरुआत के साथ ही वसुंधरा के हजारों परिवारों की ¨चता बढ़ गई है कि गर्मी में पीने का पानी कैसे मिल पाएगा। हर साल होने वाली परेशानी इस बार भी सताएगी। नगर निगम इसके लिए तैयारी पूरी होने का दावा कर रहा है, लेकिन हकीकत अलग है। इस जोन के कई सेक्टरों में पेयजल की पाइप लाइनों में लीकेज की समस्या आम बात है। इस संबंध में लोगों ने कई बार नगर निगम को शिकायत दी, लेकिन समस्या अपनी जगह पर बनी हुई है। लिहाजा इस साल भी दूषित पेयजल की आपूर्ति से निजात मिलती नहीं दिख रही।
जर्जर पाइप लाइनों वाले इलाके :
वसुंधरा सेक्टर-एक
वसुंधरा सेक्टर-दो
वसुंधरा सेक्टर-तीन
वसुंधरा सेक्टर-17, 19
साहिबाबाद, झंडापुर
साढ़े पांच लाख की आबादी पर 25 क्यूसेक गंगाजल की सप्लाई : वसुंधरा जोन के तहत नगर निगम द्वारा करीब साढ़े पांच लाख लोगों को जल आपूर्ति की जाती है। जलापूर्ति के साधनों में 23 क्यूसेक गंगाजल व नगर निगम के 24 नलकूप शामिल हैं।
वसुंधरा जोन में आपूर्ति की स्थिति
गंगाजल-23 क्यूसेक
नलकूप-24
सीडब्ल्यूआर-15
ओवरहेड टैंक-23
दावा : नहीं होगी किल्लत
इस संबंध में नगर निगम के अवर अभियंता (जल) योगेंद्र यादव का कहना है कि वसुंधरा जोन में पेयजल की समस्या नहीं है। पानी पर्याप्त है। कुछ स्थानों पर जर्जर लाइनों की शिकायत है। कुछ लाइनों की मरम्मत करा दी गई है, जबकि कुछ को बदलने के लिए प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। झंडापुर गांव में नए बजट में करीब 1200 मीटर नई लाइन बिछाने के लिए प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है।
हकीकत : दो दशक पुरानी हैं पाइप लाइनें
वसुंधरा, वैशाली, कौशांबी व डेल कालोनी में दो दशक पूर्व डाली गई अधिकांश पेयजल लाइने जर्जर हो गई हैं। बजट का रोना रोकर निगम इन लाइनों को जुगाड़ पर चलाता है। जर्जर पेयजल लाइन से जहां उपभोक्ताओं को दिक्कत होती है। नगर निगम को हर महीने करीब दर्जन भर शिकायतें पेयजल आपूर्ति से संबंधित मिलती हैं। यहां दूसरे नंबर पर सीवर समस्या है।