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एनजीटी ने जीडीए व नगर निगम को लगाई फटकार

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) पार्को से लेकर सड़क किनारे लगाई गई इंटरलॉ

By Edited By: Published: Wed, 04 Mar 2015 07:38 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2015 07:38 PM (IST)
एनजीटी ने जीडीए व नगर निगम को लगाई फटकार

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) पार्को से लेकर सड़क किनारे लगाई गई इंटरलॉकिंग टाइल्स के मामले में अब सख्त रवैया अपनाए हुए है। एनजीटी ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण व नगर निगम अधिकारियों को फटकार लगाते हुए वादी के वकील ऋत्विक दत्ता के साथ संयुक्त रूप से जांच कराने के निर्देश दिए। बुधवार को एनजीटी के चीफ जस्टिस स्वतंत्र कुमार की मुख्य खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों विभागों के अधिकारियों को 20 दिन में रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए हैं। दरअसल, एनजीटी में राजनगर निवासी आकाश वशिष्ठ ने इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाकर शहर को कंक्रीट में तब्दील कर देने को लेकर पूर्व में याचिका दायर की थी। एनजीटी ने सड़क किनारे, पार्को एवं पेड़ों के आसपास इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने पर पाबंदी लगा रखी है, लेकिन नगर निगम व जीडीए फिर भी इंटरलॉकिंग टाइल्स लगा रहे हैं। एनजीटी ने पूर्व में दोनों विभागों को इंटरलॉकिंग टाइल्स उखाड़ने के आदेश दिए थे। पेड़ों के आसपास कम संख्या में ही टाइल्स उखाड़ी गईं लेकिन एनजीटी में रिपोर्ट सभी जगह से इंटरलॉकिंग उखाड़ने की रिपोर्ट दी गई। कोर्ट में मामला लंबित होने के बाद भी शहर में इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाई जा रही है। एनजीटी में दोनों विभागों की ओर से पूर्व में पेड़ों के आसपास से इंटरलॉकिंग टाइल्स उखाड़ने एवं नई जगह टाइल्स नहीं लगाने के हलफनामा दाखिल किया था। बुधवार को एनजीटी में दोनों विभागों के अधिकारी अपना पक्ष रखने के लिए पेश हुए थे लेकिन एनजीटी ने फटकार लगाते हुए झूठी रिपोर्ट दाखिल करने की बात कही। एनजीटी ने अब वकील के साथ शहर के कई क्षेत्रों की संयुक्त जांच कर 20 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं। एनजीटी ने जांच से संबंधित खर्चा भी दोनों विभागों से लेने के निर्देश दिए है। आकाश ने बताया कि इंटरलॉकिंग टाइल्स की वजह से बरसात का पानी नालों के जरिये बह जाता है। पानी अंडरग्राउंड रिचार्ज नहीं हो पाता है, इससे मिट्टी की उर्वरता खत्म होती है, साथ ही गर्मी में उमस पैदा होती है। एनजीटी ने दोनों विभागों के अधिकारियों को दोबारा वादी के वकील के साथ संयुक्त जांच कर 20 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।


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