कई राजनीतिक दल बैठे अधिवक्ताओं के धरने में
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाइकोर्ट बैंच की मांग को लेकर चले आ रहे अधिवक्
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाइकोर्ट बैंच की मांग को लेकर चले आ रहे अधिवक्ताओं के आंदोलन का बृहस्पतिवार को और धार मिल गई। कचहरी में धरना स्थल पर बड़ी संख्या में पहुंचे कई राजनीतिक दलों के लोगों ने मांग का समर्थन करते हुए धरने पर बैठे। बृहस्पतिवार को भी कोर्ट व वाणिज्यकर विभाग में अधिवक्ताओं ने कामकाज ठप रखा। आज यानि शुक्रवार को अधिवक्ताओं की हड़ताल का आखिरी दिन है। शनिवार को मुजफ्फरनगर में केंद्रीय संघर्ष समिति की बैठक में अगली रणनीति तय की जाएगी।
बृहस्पतिवार सुबह से ही राजनीतिक दलों के लोग अधिवक्ताओं के धरने में पहुंचने लगे और मांग का समर्थन करते हुए धरने पर बैठे। बार एसोसिएशन के सचिव योगेंद्र कौशिक ने बताया कि बृहस्पतिवार को भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी, जन सहयोग संगठन, कांग्रेस, रालोद, आम आदमी पार्टी, पश्चिम प्रदेश निर्माण मोर्चा, जदयू, विकास संघर्ष समिति, अखिल भारतीय पंचायत विकास संगठन व बजरिया व्यापार मंडल बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ धरना स्थल पर पहुंचे और मांग का समर्थन किया। बार अध्यक्ष अनिल पंडित ने बताया कि जनता दल के सांसद केसी त्यागी व जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी और कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरेंद्र कसाना व त्रिलोक सिंह, राजाराम भारती, सुनील चौधरी, विजयपाल कसाना, सुभाष शर्मा आदि ने खंडपीठ की मांग व वकीलों की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को हड़ताल का आखिरी दिन है। शनिवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश हाइकोर्ट बैंच मांग केंद्रीय संघर्ष समिति ने सभी 22 जिलों की एसोसिएशन की बैठक मुजफ्फरनगर में बुलाई है। बैठक में अगली रणनीति तय की जाएगी।
जारी रहा हस्ताक्षर अभियान
अधिवक्ताओं द्वारा बुधवार को जारी किया गया हस्ताक्षर अभियान बृहस्पतिवार को भी जारी रहा। बृहस्पतिवार को भी कचहरी पहुंचे सैंकड़ों लोगों ने बैनर पर हस्ताक्षर कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश बैंच की मांग का समर्थन किया।
- अधिवक्ताओं की प्रतिक्रिया
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाइकोर्ट बैंच की मांग जनता के हित के लिए है। अधिवक्ता आम लोगों की लड़ाई लड़ रहे हैं। केंद्र सरकार को इस तरफ गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और सकारात्मक पहल करनी चाहिए।
संजीव वर्मा, अधिवक्ता
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-तीन दशकों से अधिवक्ता हाइकोर्ट बैंच की मांग को लेकर आंदोलनरत है। अधिवक्ताओं की जनता के हित में यह जायज मांग हैं। बैंच की स्थापना से लोगों को सुलभ व सस्ता न्याय मिल सकेगा।
लोकेंद्र गहलौत, अधिवक्ता
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- लोगों को कई सौ किलोमीटर की दूरी तय कर मामले की पैरवी के लिए इलाहाबाद जाना पड़ता है। इससे लोगों का पैसा, काम व समय तीनों बर्बाद होते हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाइकोर्ट बैंच की स्थापना से लोगों को राहत मिलेगी।
सचिन गुप्ता, अधिवक्ता
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- इलाहाबाद हाईकोर्ट दूर होने के कारण गरीब आदमी वहां का किराया व अन्य खर्च वहन नहीं कर पाता। इस कारण गरीब आदमी न्याय से वंचित रह जाता है। इसलिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाइकोर्ट बैंच की स्थापना बेहद जरुरी है।
संजय प्रजापति, अधिवक्ता