अवैध टॉवर में आग से दो मंजिला मकान गिरा, हड़कंप
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद (गाजियाबाद) : तुलसी निकेतन की राजीव कालोनी में बुधवार तड़के मोबाइल कंपनी क
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद (गाजियाबाद) : तुलसी निकेतन की राजीव कालोनी में बुधवार तड़के मोबाइल कंपनी के अवैध टॉवर में आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। आग इतनी तेजी से फैली की मकान की पहली मंजिल और कबाड़ गोदाम तक जा पहुंच गई। गोदाम में रहने वाले मजदूर और पहली मंजिल पर रहने वाला परिवार जान बचाने के लिए जैसे तैसे बाहर निकल कर भागे। अभी लोग बाहर ही निकले थे कि दो मंजिला मकान भरभरा कर गिर गया। आनन-फानन में पुलिस और दमकल विभाग को घटना की सूचना दी गई। इसके बाद करीब नौ घंटे बाद दमकल की पांच गाडि़यों ने करीब 50 से अधिक चक्कर लगाकर आग पर काबू पाया। घटना के बाद मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों को देखते ही मोबाइल टॉवर लगाने वाली कंपनी के लोग भाग गए। पुलिस और दमकल विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में पुलिस की तरफ से कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है। इस हादसे में पड़ोस के तीन मकानों में दरारे आ गई हैं। जिससे वह डरे हैं।
राजीव कालोनी में मकान बी-39 की पहली मंजिल पर अब्दुल गफ्फार पत्नी आफतारा और बेटे अब्दुल के साथ रहते हैं। नीचे उनका कबाड़ का गोदाम है और दूसरी मंजिल की छत पर एक मोबाइल कंपनी का टॉवर लगा था। बुधवार तड़के करीब तीन बजे अचानक मोबाइल टॉवर के मीटर में धमाके के साथ आग लग गई। वाय¨रग से होते हुए आग पूरे घर में और छत पर लगे टॉवर तक जा पहुंची। अब्दुल गफ्फार परिवार और गोदाम में रह रहे करीब दर्जन भर मजदूरों को लेकर बाहर भागे। सभी बाहर पहुंचे ही थे कि इतने में छत पर लगे टॉवर के साथ पूरा मकान अचानक ढह गया। मकान गिरते ही पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। पड़ोस के मकानों की दीवारों में भी दरारें आ गईं। आसपास के लोग भी घरों से बाहर भागे और पुलिस, फायर ब्रिगेड को घटना की सूचना दी।
नियमों को ताक पर रख कर चल रहा था टॉवर
जानकारी के अनुसार यह टावर एयरटेल कंपनी का था, जिसकी देखरेख गुड़गांव की एक कंपनी कर रही थी। आरोप है कि यह टावर जीडीए व पुलिस को अवैध पैसे देकर चलाया जा रहा था। जीडीए द्वारा कई बार पहले भी टॉवरों को हटाने व सील की कार्रवाई के बाद भी यह चल रहा था। हादसा होने के बाद सीओ साहिबाबाद विपिन कुमार व अपर नगर मजिस्ट्रेट अतुल कुमार पहुंचे थे। उन्होंने दरार पड़ने वाले मकानों को देखने के साथ ही कबाड़ी पर भी कार्रवाई की बात की है। दोनों ही अधिकारियों ने लोगों को दरार पड़े मकानों में रहने की बजाय शिफ्ट होने को कहा है। शाम को जब टावर कंपनी के मैनेजर भारत भूषण से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। हादसे के बाद से कंपनी का कोई भी कर्मचारी वहां नहीं पहुंचा।
---
दो साल पहले भी लगी थी आग आसपास के लोग हादसे के बाद से डरे हैं। उन लोगों को आशंका है कि मलबे में कोई दबा भी हो सकता है। जेसीबी की मदद से मलबे को हटाने का भी काम शुरू कर दिया गया है। पड़ोसी संदीप ने बताया है कि करीब दो साल पहले भी टॉवर में आग लगी थी। उस दौरान भी लाखों का नुकसान हुआ था। एफएसओ अजय कुमार शर्मा ने बताया है कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट है। आग से लाखों का नुकसान हुआ है रिपोर्ट तैयार की जा रही है।