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लोगों की जान से खेल रहे मिलावटखोर

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जनपद से भेजा गया दूध का नमूना फेल होने पर एक बार फिर से इन चर्चाओं को

By Edited By: Published: Mon, 24 Nov 2014 09:41 PM (IST)Updated: Mon, 24 Nov 2014 09:41 PM (IST)
लोगों की जान से खेल रहे मिलावटखोर

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद :

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जनपद से भेजा गया दूध का नमूना फेल होने पर एक बार फिर से इन चर्चाओं को बल मिला है कि नकली और मिलावटी खाद्य सामग्री बेचकर मिलावटखोर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। मिलावटखोरी रोकने के लिए सरकारी विभाग है। लेकिन विभाग की कार्रवाई लचर होने के कारण अधिकांश मामलों में मिलावटखोर बच निकलते हैं। रिकार्ड बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षो में मिलावाटखोरी के सिर्फ एक मामले में आरोपियों को उम्र कैद की सजा हुई नहीं तो अधिकांश मामले में आरोपी जुर्माना देकर बच निकलते हैं।

गाजियाबाद में नकली फूड सप्लीमेंट, मिठाइयां, मसाले बेचे जाने के मामले में पकड़े गए हैं। दूध में यूरिया मिले होने का मामला जहां लोगों के लिए खतरे की घंटी बजा रहा है वहीं खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है।

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के रिकार्ड बताते हैं कि वर्ष 2013-14 में खाद्य पदार्थ के 218 नमूने लिए गए थे इसमें से 58 नमूने फेल हो गए। लेकिन मुकदमा सिर्फ 29 मामले में दर्ज हुआ। सही ढंग से जांच नहीं होने के कारण सिर्फ सात मामले में आरोपी के खिलाफ जुर्माना हुआ, अन्य आरोपी सबूतों के अभाव में छूट गए।

वर्ष 2014-15 अगस्त में अब तक एक दर्जन से अधिक नमूने फेल हो चुके हैं। इसी वर्ष एक पुराने मामले में दूध में यूरिया मिलाने पर दो लोगों को उम्र कैद की सजा हुई है।

वर्ष 1999 के मामले में हुई सजा

3 जुलाई 1999 को गढ़ के तत्कालीन उपजिलाधिकारी तथा खाद्य निरीक्षक बीपी गुप्ता ने स्याना चौपला पर एक टाटा 407 में लदी दूध केनों में से नमूने लिए थे और दूध के मालिक चेतराम तथा चालक देविंद्र के खिलाफ मुकदमा कायम कराया था। इस मामले में जिला अदालत ने चेतराम व देविंद्र को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

त्योहारों पर अधिक होती है मिलावट

त्योहारों के सीजन में मिलावटी दूध और दूध उत्पादों में अधिक मिलावट होती है। दीपावली के बाद गाजियाबाद में तीन क्विंटल मिलावटी रसगुल्ला पकड़ा गया। प्रशासनिक टीम ने लोनी क्षेत्र में मिलावटी मावा भी पकड़ा था।

खाद्य सामग्री के नमूने नियमित रूप से लिए जाते हैं। नमूने की जांच रिपोर्ट आने के बाद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है। दीपावली के दौरान काफी संख्या में नमूने लिए गए थे। जिन लोगों के नमूने फेल होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। दूध और दूध उत्पादों की निगरानी तेज की जाएगी और नमूने लिए जाएंगे। जिससे मिलावटखोरों को सजा मिले।

-भगवत सिंह, खाद्य सुरक्षा अधिकारी


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