फर्जी दस्तावेज से प्लाट की रजिस्ट्री, मामला हुआ पेचीदा
संवाद सहयोगी, मोदीनगर : आनंद विहार कालोनी में फर्जी दस्तावेज के आधार पर हुई प्लाट की बिक्री मामले
संवाद सहयोगी, मोदीनगर :
आनंद विहार कालोनी में फर्जी दस्तावेज के आधार पर हुई प्लाट की बिक्री मामले में पीडि़त व आरोपी पक्षों की ओर से तीन रिपोर्ट दर्ज कराने का मामला पुलिस के लिए पहेली बन गया है। राजस्व विभाग से जुड़े इस मामले में पुलिस सही तथ्यों को अभी तक नहीं जान पाई है। न ही मुख्य आरोपी के विरुद्ध कोई कार्रवाई की जा रही है।
आनंद विहार कालोनी में स्थित एक प्लाट की बिक्री 27 लाख रुपये से अधिक की हुई थी। प्लाट का बैनामा होने के बावजूद निर्माण कार्य करने को लेकर विवाद हुआ। अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में जब भूमि की खरीद फरोख्त को लेकर हुए विवाद का खुलासा हुआ कि इस प्लाट में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खरीद फरोख्त हुई है। प्लाट के इस मामले में तेल मिल निवासी व्यापारी की ओर से प्लाट बेचने वालों के विरुद्ध पत्नी के साथ दुष्कर्म का प्रयास, धोखाधड़ी व जान से मारने की धमकी का मामला दर्ज हुआ। इस मामले के संबंध में प्रदेश के डीजीपी ने भी स्थानीय पुलिस से रिपोर्ट तलब की है, उसके बाद ही आरोपी पक्ष गोविंदपुरी निवासी सुरेंद्र धीर की ओर से कोर्ट के आदेश पर पीडि़त व्यापारी सहित आधा दर्जन के खिलाफ मामला दर्ज हुआ।
आरोप -प्रत्यारोप के इस मामले में पुलिस अभी जांच में जुटी ही थी कि इस मामले में तीसरी एक ओर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। यह रिपोर्ट आरोपी आदर्श नगर निवासी वीरेंद्र सिंह की ओर से प्लाट का फर्जी बैनामा करने और धमकी के तहत दर्ज हुई है। एक माह के भीतर पीडि़त व आरोपी पक्षों की तीनों रिपोर्ट में आठ लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज हो जाने का यह मामला उलझ कर रह गया है। पुलिस इसमें अब तक कोई तथ्य तक नहीं जुटा पाई है। सूत्रों की मानें तो पुलिस के लिए तीनों ओर से हुई रिपोर्ट कमाई का जरिया बन गई है। मुख्य आरोपी का अभी तक कोई खुलासा नही हो पा रहा है।
थाना प्रभारी दीपक शर्मा का कहना है कि तीनों मामले में आरोपी पक्षों के बयान तलब किए जा रहे हैं। जांच की जा रही है। दोषी के विरुद्ध ही कार्रवाई की जाएगी।