समृद्ध भारत बनाने के लिए संगठित हो भारतीय
जागरण संवाददाता, इंदिरापुरम : खाकी नेकर, सफेद शर्ट, काली टोपी और हाथ में दंड। गुरुवार की सुबह शिप्रा
जागरण संवाददाता, इंदिरापुरम : खाकी नेकर, सफेद शर्ट, काली टोपी और हाथ में दंड। गुरुवार की सुबह शिप्रा मॉल परिसर में धीरे-धीरे जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक पहुंचे तो थोड़ी ही देर में संगठन की विशालता का समुद्र परिसर के सामने मौजूद सड़क तक हिलोरे मारने लगा। संघ के नेताओं ने संदेश भी दिया कि अगर भारत को समृद्ध बनाना है तो सभी भारतीयों को संगठित करना होगा।
स्थापना दिवस विजय दशमी के अवसर पर हर साल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचालन लोगों को आकर्षित करता रहा है लेकिन गुरुवार को इंदिरापुरम में ऐतिहासिक पथ संचलन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वैशाली महानगर क्षेत्र के सारे पुराने रिकार्ड तोड़ दिए। लगभग पांच हजार स्वयंसेवकों ने गणवेश में शिप्रा मॉल परिसर से निकलकर इंदिरापुरम के विभिन्न इलाकों में पथ संचलन करते हुए लोगों को अनुशासन और एकता का पाठ पढ़ाया।
संघ के क्षेत्र प्रचारक आलोक ने स्वयंसेवकों से अपने सम्बोधन में संगठन शक्ति की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हर युग में शक्ति के अलग-अलग स्त्रोत रहे हैं। कलयुग में संगठन को ही शक्ति का स्त्रोत बताया गया है। संघे शक्ति कलयुगे। इसलिए अगर हमें भारत को समृद्ध और सम्पन्न राष्ट्र की श्रेणी में पहुंचाना है तो सभी भारतीयों को एकजुट होकर इस दिशा में प्रयास करना होगा। अगर हम संगठित रहे तो कोई भी ताकत भारत को समृद्ध होने से रोक नहीं सकेगी। उन्होंने बताया कि 300 से 400 लोग रोजाना संघ जे च्वाइन करने के लिए ऑनलाइन आवेदन भेज रहे हैं।
स्थापना दिवस आयोजन के मुख्य अतिथि एस्ट्रो अंकल पवन सिन्हा ने संस्कार और संस्कृति के निरन्तर होते क्षरण पर ¨चता जाहिर की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कार और संस्कृति से दूर जाने वालों का पतन हो रहा है। वह परेशान और पीड़ित हैं लेकिन इसकी वजह समझने में नाकाम हैं। सभी भारतीयों को अपनी सभ्यता संस्कृति पर गर्व करना चाहिए। भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे उन्नत संस्कृति रही है। अपनी दुर्भाग्य से देशवासियों में इस भाव का अभाव है। अपनी संस्कृति पर गर्व कर हम देशभक्ति की भावना जागृत कर सकते हैं। कार्यक्रम में महानगर संघचालक श्याम मोहन, महानगर कार्यवाह विजय गोयल के साथ-साथ मनोज, यतेन्द्र,राकेश, राम वरुण,योगेन्द्र, सह-विभाग प्रचारक किशन, राजेश्वर, अश्वनी एवं प्रवीर उपस्थित रहे।
स्वयंसेवकों का जोरदार स्वागत
संघ के घोषदल की धुन- जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है, ये तन है, मन है और प्राण है पर कदमताल करते हुए स्वयंसेवकों का दल इंदिरापुरम की सड़कों से गुजरा। स्वयंसेवकों के अनुशासित पथ संचलन को देखने के लिए जगह-जगह लोग खड़े दिखाई दिए। लगभग दो दर्जन कालोनियों और अपार्टमेंट के सामने लोगों ने स्वयंसेवकों का स्वागत किया। स्वयंसेवकों के दोनों दल सात किमी के पथ संचलन के बाद वापस शिप्रा मॉल परिसर पहुंचे।