गंभीर अपराध दर्ज करने में पुलिस करती है खेल
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : एफआइआर दर्ज करने में लापरवाही बरतने वाली पुलिस संज्ञेय अपराधों के मामलों को लेकर भी गंभीर नहीं है। लूट, चोरी, बहलाफुसला कर किशोरी को भगा ले जाने और झपटमारी के मामलों में देरी से मुकदमा दर्ज करना पुलिस की आदत में शुमार हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा संज्ञेय अपराध के मामलों में तत्काल मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई व जांच शुरू करने के आदेश के बाद भी पुलिस अपनी ही कार्यप्रणाली में जुटी हुई है।
मामला -एक
केवल थाने से रिसीविंग करके भेजा
आठ सिंतबर को मोहन नगर चौराहे पर नीलम प्रेमाकर का बैग झपट लिया गया। बैग में उनका एटीएम कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, 17 हजार की नकदी सहित राजस्व की पुस्तिका सहित अन्य आवश्यक रजिस्टर व रसीद बुक थी। उन्होंने इस मामले की शिकायत व सूचना थाना साहिबाबाद पुलिस को दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस ने उनकी गलती व लापरवाही बताते हुए फटकारा और थाने से रिसीविंग करके थमा दी।
मामला-दो
झपटमारी नहीं गुमशुदगी
नोएडा की निजी कंपनी में अधिकारी के पद पर काम करने वाले वसुंधरा सेक्टर-14-303 निवासी डा. रामेंद्र सिंह का नौ सितंबर की रात किसी ने महंगा मोबाइल फोन झपट लिया। घटना साहिबाबाद सब्जी मंडी के सामने हुई। पहले वह इंदिरापुरम थाने पहुंचे। जहां से उन्हें लिंक रोड थाना क्षेत्र का अपराध बताकर वापस कर दिया गया। रामेंद्र ने लिंक रोड थाने में झपटमारी की शिकायत दी तो दो दिन बाद गुमशुदगी में शिकायत ली गई।
मामला-3
लड़की को ही खोजता रहूं
12 सितंबर को खोड़ा कालोनी के दीपक बिहार में रहने वाली एक नाबालिग लड़की पड़ोस में रहने वाले युवक के साथ चली गई। शाम तक जब उसका पता नहीं चला तो परिजन चौकी पहुंचे। चौकी पर मौजूद दरोगा ने झल्लाते हुए कहा कि क्या मैं लड़की को ही खोजता रहूं।
देरी से एफआइआर दर्ज करना बना पुलिस की आदत
देरी से एफआइआर दर्ज करने पर लोनी व इंदिरापुरम पुलिस को हिंदू संगठनों के गुस्से का सामना करना पड़ा है। इसी के साथ कई बार आला अधिकारियों की ओर से कड़ी फटकार मिल चुकी है। ट्रांस हिंडन के लिंक रोड, इंदिरापुरम और साहिबाबाद थाने में देरी से संज्ञेय अपराध के सात सौ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जिसमें देरी से कार्रवाई व मुकदमा दर्ज कराने की बात सामने आई है।
लिंक रोड : 125
साहिबाबाद : 360
इंदिरापुरम : 308
'संज्ञेय अपराध को तत्काल दर्ज करने के निर्देश हैं। मैं खुद भी लगातार इसकी मॉनिटरिंग करता हूं। पूर्व में जनपद के कई दरोगाओं व चौकी प्रभारियों पर कार्रवाई भी की गई है।
- धर्मेद्र सिंह, एसएसपी