गांव, ब्लाक व तहसील स्तर तक दौडे़ंगी रोडवेज बसें
भूपेंद्र तालान, गाजियाबाद : आने वाले समय में यात्रियों के लिए गांव से शहर में बिना किसी बाधा के बसों के जरिए पहुंचना काफी सुगम हो सकता है। अगर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) की योजना सिरे चढ़ गई तो आने वाले कुछ दिनों में गांव-गांव व तहसील स्तर तक रोडवेज बसें सड़कों पर दौड़ती हुई नजर आएंगी। रोडवेज अफसरों के मुताबिक बसों का निर्धारित रूट के अलावा दूसरे मार्गो पर भी संचालन किया जाएगा। रोडवेज मुख्यालय से निर्धारित रूट के अलावा लोकल मार्गो पर रोडवेज बसें चलाने के लिए रूट मैप मांगा गया है। इस संबंध में रोडवेज के प्रधान प्रबंधक (संचालन) एसके बनर्जी ने आरएम व एआरएम को प्रस्ताव बनाकर भेजने का फरमान जारी किया है। यहां से अब रूटों का प्रारूप तैयार कर जल्द रोडवेज मुख्यालय को भेजने की तैयारी की जा रही है। वैसे गांवों को जोड़ने की योजना पूर्व में बनाई गई थी और कुछ रूट पर बसें चलाई भी गई थीं लेकिन अब नए रूट तलाश कर रोडवेज व अनुबंधित बसों को चलाने के लिए मैप मांगा गया है। मार्गो के रूट मैप में ब्लॉक, तहसील व जिला भी शामिल किया जाएगा।
निजी वाहनों से हो रही आवाजाही
रोडवेज बसों को गांवों तक चलाने की यह योजना उन ग्रामीणों के लिए अच्छी खबर है, जो निजी वाहनों से गांव से शहर व दूसरे क्षेत्रों में आवाजाही कर रहे हैं। रोडवेज बसों के न चलने की वजह से गांवों से प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोगों को मजबूर होकर प्राइवेट, डग्गामार वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है। बसों का संचालन होता है तो छात्र नौकरी-पेशा, कारोबारी व दूसरे लोगों को भी इनका लाभ मिल सकेगा।
बनाए जा सकते हैं नए रूट
लोकल मार्गो पर बसें चलाने के लिए रोडवेज की ओर से कुछ नए रूट बनाने की योजना है। इन नए रूट में जेवर-खुर्जा-जीटी रोड बुलंदशहर, मसूरी से गुलावठी व बुलंदशहर और मोदीनगर से पतला तथा बड़ौत तक के रूट बनाए जा सकते हैं। इन रूटों पर फिलहाल निजी बसों और चार पहिया वाहनों का ही संचालन हो रहा है। रोडवेज व अनुबंधित बसों का इन रूटों पर संचालन शुरू होने से हजारों लोगों को इनका लाभ मिल सकता है।
रोडवेज बसों को चलाने की डिमांड करते हुए कई इलाकों से गांव वालों के अलावा क्षेत्रीय विधायकों व सांसदों को भी पत्र भेजे गए हैं। मुख्यालय से अब मार्गो पर बसें चलाने का पूरा रूट मैप मांगा गया है। कुछ नए रूट पर फिलहाल रोडवेज बसें नहीं चल रही हैं। इन रूटों पर बसें चलने से गांवों के साथ-साथ कई तहसील भी इससे जुड़ जाएंगी। मुख्यालय को इन रूट की लंबाई, गांव व तहसील के नाम जल्द भेजे जाएंगे ताकि इन रूटों को शामिल कर बसों का संचालन किया जा सके।
अतुल श्रोत्रिय
एआरएम, कार्मिक रोडवेज गाजियाबाद।