बच्चियों को अगवा कर बेच देते थे मां-बेटा
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद
सड़कों पर बच्चियों को अकेली देखकर बहला फुसलाकर उन्हें अगवा कर दिल्ली ले जाकर बेचने वाले मां-बेटा शुक्रवार को पुलिस शिकंजे में आ गए। उनके कब्जे से दो बच्चियां भी बरामद हुई हैं। आरोपियों की पहचान शकुंतला व उसके बेटे बॉबी के रूप में हुई है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि दोनों आरोपी मानव तस्करी से जुड़े किसी बड़े गिरोह का हिस्सा हो सकते हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है।
घटना शुक्रवार की है। सेक्टर 23 स्थित मस्जिद के बाहर भीख मांग रही आठ व नौ साल की दो बच्चियां के पास शकुंतला और बॉबी आए। दोनों ने बच्चियों को सौ सौ रुपये का नोट दिखाते हुए उन्हें अपने साथ चलने के लिए तैयार कर लिया। उन दोनों बच्चियों को मां बेटे ने तिपहिया में बिठा लिया और चल दिए। कुछ दूर आगे जाने पर पुलिस टीम सड़क पर चेकिंग कर रही थी। पुलिसकर्मी को देखकर लक्ष्मी ने रोना शुरू कर दिया। संदेह होने पर पुलिस ने जब तिपहिया को रुकवाकर बच्चियों से पूछताछ की तो सारी कहानी सामने आ गई। इस दौरान मां बेटे ने मौके से भागने की कोशिश भी की। लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें दबोच लिया।
थाना कविनगर प्रभारी अरुण कुमार सिंह को घटना की जानकारी मिली तो मौके पर पहुंचकर वह जांच में जुट गए। पता लगा कि मुक्त कराई गई बच्चियां रईसपुर तथा सेक्टर 23 इलाके की रहने वाली हैं। दोनों के परिजनों को बुलाकर बच्चियां उन्हें सौंप दी गई।
थाने लाकर शकुंतला और बॉबी से जब पूछताछ हुई तो पता चला दोनों जागृति विहार के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि बच्चियों को वह दिल्ली लेकर जा रहे थे। वहां पर प्रति बच्ची उन्हें एक लाख रुपया मिल जाता। इस काम में दिल्ली में विनोद नामक युवक लगा हुआ है। मां और बेटे का कहना है कि विनोद बच्चियों से भीख मंगवाता है लेकिन पुलिस को उनकी बात पर यकीन नहीं हो रहा। पुलिस पता लगा रही है कि दोनों ने कितने बच्चे अब तक विनोद को बेचे हैं। एक टीम विनोद की तलाश में दिल्ली रवाना हो चुकी है। इस संबंध में पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद मामले में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं। संभव है कि मां-बेटे मानव तस्करी से जुड़े किसी बड़े रैकेट का हिस्सा हों। दोनों से पुलिस टीमें पूछताछ में जुटी हैं।