..तो दूर हो जाती बिजली समस्या
धीरेंद्र मिश्र, इंदिरापुरम
ट्रांस हिंडन में बिजली की किल्लत को दूर करने के लिए दो वर्ष पूर्व रिंगमेन नामक महत्वपूर्ण योजना बनाई गई थी। इसके तहत एक दूसरे फीडर को आटोमेटिक सिस्टम के तहत जोड़ना था, ताकि एक फीडर में खराबी आने पर दूसरे फीडर से बिजली मिल सके। यह महत्वाकांक्षी योजना सिरे चढ़ती तो काफी हद तक बिजली की किल्लत दूर हो जाती।
ट्रांस हिंडन क्षेत्र में चार डिवीजनों के अंतर्गत करीब 100 फीडर हैं। उपभोक्ताओं की संख्या भी करीब 1,85,000 है। क्षेत्र में बिजली की मांग 60 से 70 लाख यूनिट रोजाना है, लेकिन मांग के सापेक्ष बिजली आपूर्ति 10 से 15 लाख यूनिट कम हो रही है। उपभोक्ताओं को बराबर बिजली मिलती रहे, इसके लिए रिंगमेन योजना बनाई गई थी।
क्या है रिंगमेन योजना
रिंगमेन का मतलब है कि सर्कल के सभी बिजलीघरों व फीडरों को रिंग की तरह एक दूसरे से बांधे रखना। किसी भी बिजलीघर के किसी भी फीडर में खराबी आते ही दूसरे बिजलीघर या फीडर से बिजली आपूर्ति मिले। उपभोक्ताओं को बिजली किल्लत से अधिक देर तक नहीं जूझना पडे़, इसलिए यह योजना बनाई गई थी। यह योजना पूरे जिले के लिए बनाई गई थी। करीब सात सौ करोड़ रुपये की योजना थी। अधिकारियों की सुस्ती के चलते यह योजना अब तक सिरे नहीं चढ़ सकी है।
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-योजना पूरे जिले के लिए है। योजना एमडी कार्यालय मेरठ में टेंडर की प्रक्रिया में है। उम्मीद है कि इसी साल इस योजना की शुरुआत हो जाएगी। इस योजना के अमल में आते ही बिजली में काफी हद तक सुधार होगा। इस योजना के तहत सिस्टम पूरी तरह आटोमेटिक होगा। एक फीडर में खराबी आते ही दूसरे फीडर से बिजली उपभोक्ताओं को मिलने लगेगी। साथ ही खराब होने वाले फीडर की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों तक पहुंच जाएगी। खराबी कहां पर है और क्या है, यह शीघ्र ही पता चल जाएगा।
-एमसी शर्मा, अधीक्षण अभियंता, पावर कारपोरेशन, ट्रांस हिंडन सर्कल