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कम चौड़ाई का परिणाम, एनएच पर आए दिन जाम

By Edited By: Published: Fri, 01 Feb 2013 08:46 AM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2013 08:46 AM (IST)
कम चौड़ाई का परिणाम, एनएच पर आए दिन जाम

जागरण संवाद केंद्र, गाजियाबाद : जिले की जीवन रेखा माने जाने वाले एनएच-24 व 58 की चौड़ाई बढ़ाना अब बहुत जरूरी हो गया है। दोनों मार्गो की चौड़ाई कम होने और अतिक्रमण के कारण आए दिन जाम की स्थिति होती है। महत्वपूर्ण मार्ग होने के बावजूद केंद्र सरकार ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। बृहस्पतिवार को सड़कों पर वाहनों का हल्का सा दबाव बना और एनएच-58 पर मुरादनगर व मोदीनगर समेत एनएच-24 व अन्य मार्ग जाम की चपेट में आ गए।

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हालत यह हुई कि बृहस्पतिवार को मोदीनगर, मुरादनगर, दुहाई, एनएच-24 पर कई स्थानों पर जाम से जूझना पड़ा।

जिले के दोनों महत्वपूर्ण राजमार्गो की चौड़ाई बढ़ा दी गई होती तो इस स्थिति से जूझना नहीं पड़ता। जिले में एनएच-24 व 58 महत्वपूर्ण मार्ग माने जाते हैं। एनएच-24 देश की राजधानी दिल्ली समेत कई प्रदेशों को लखनऊ से जोड़ता है। एनएच-58 उत्ताराखंड से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। इसके बावजूद दोनों राजमार्ग केंद्र सरकार की प्राथमिकता में नहीं हैं। दिल्ली व अन्य जिलों में इनकी चौड़ाई बढ़ाई जा चुकी है, लेकिन गाजियाबाद ही इससे अछूता है। बृहस्पतिवार को शादी समारोहों के कारण सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ा और भीषण जाम की स्थिति पैदा हो गई। हालत यह रही कि मिनटों का सफर घंटों में पूरा हो पाया। सड़कों पर पसरे अतिक्रमण ने दाद में खाज का काम किया। एक तो पहले से ही दोनों मार्ग संकरे हैं, ऊपर से अतिक्रमण ने जाम की समस्या को बढ़ा दिया।

पेट्रोल और समय की बर्बादी

अधिवक्ता अजय वीर सिंह का कहना है कि एनएच-24 व 58 की चौड़ाई कम होने से आए दिन जाम की स्थिति रहती है। लोगों का समय तो खराब होता ही है, ईधन भी बर्बाद होता है। इस समस्या से समाधान के लिए स्थानीय, प्रदेश व केंद्र स्तर पर व्यापक प्रयास होने चाहिए। तभी समस्या से निजात मिल सकेगी।

बिना चौड़ाई बढ़ाए समाधान संभव नहीं

अधिवक्ता प्रमोद कुमार गुप्ता का कहना है कि एनएच-24 व 58 कम चौड़ाई के कारण यातायात के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। इन मार्गो का एक ही विकल्प है कि उन्हें चौड़ा कराया जाए। तभी यातायात सुचारु हो सकता है। वह प्रतिदिन इन मार्गो पर जाम से जूझते हैं।

केंद्र सरकार दिखाए गंभीरता

अधिवक्ता व बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव लोकेश शर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार को चाहिए कि समस्या को गंभीरता से ले और राजमार्गो की चौड़ाई बढ़ाने की पहले करे। प्रमुख मार्ग होने के बावजूद उसकी चौड़ाई नहीं बढ़ाई जानी चाहिए। इसके लिए आंदोलन होना चाहिए।

जनप्रतिनिधि करें पहल

अधिवक्ता हरप्रीत सिंह जग्गी का कहना है कि एनएच-24 व 58 की चौड़ाई कम होने से आए दिन जाम की स्थिति रहती है। इस समस्या के समाधान के लिए जनप्रतिनिधियों को भी पहल करनी चाहिए और केंद्र सरकार से संपर्क साध कर राजमार्गो की चौड़ाई बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए।

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