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जिपं में अब किसके सिर पर सजेगा ताज

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: अविश्वास के जरिए खाली होती कुर्सियों में जिले की सबसे बड़ी पंचायत के अध्य

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jul 2017 10:59 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jul 2017 10:59 PM (IST)
जिपं में अब किसके सिर पर सजेगा ताज
जिपं में अब किसके सिर पर सजेगा ताज

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: अविश्वास के जरिए खाली होती कुर्सियों में जिले की सबसे बड़ी पंचायत के अध्यक्ष की कुर्सी भी खाली हो चुकी है। सपा के विजय प्रताप को हटाने के बाद सबसे बड़ा सवाल है कि अब किसके सिर सजेगा ताज। तख्ता पलट करने के लिए हाथ मिलाने वाले दो विरोधी दलों के दिग्गज फिलहाल अभी वक्त होने की बात कह रहे हैं, मगर सामंजस्य की राह इतनी आसान भी नहीं है।

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सूबे में भाजपा सरकार बनने के बाद ही सपा की दुर्गति की पटकथा तैयार हो गई थी। सपा से किनारे किए गए दिग्गज बदला लेने तैयार बैठे थे। पूर्व मंत्री और भाजपा नेता ने आधार शिला रखी तो कभी सपाई रहे दिग्गज किले को ढहाने की तैयारी में जुट गए। जसराना ब्लॉक से शुरू हुए तख्तापलट के बाद जिला पंचायत का नंबर आया। गुरुवार को जिपं अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित कर अध्यक्ष पद से विजय प्रताप ¨सह छोटू को हटा दिया गया। अब नए समीकरण तैयार हो रहे हैं।

तैंतीस सदस्यों वाली जिला पंचायत में 24 सदस्यों ने अध्यक्ष के खिलाफ मतदान किया। इसमें से सबसे बड़ी ताकत के रूप बागी सपाई ही रहे। चार बार सपा के विधायक रहे शिवपाल यादव समर्थक जसराना के रामवीर यादव के पास जिला पंचायत की तीन सीट हैं। उनके बेटे अमोल, पत्नी मीरा देवी और बहन रामसिया हैं। 2015 में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पूर्व विधायक रामवीर के परिवार में जाना तय माना जा रहा था, मगर पार्टी की खेमेबाजी ने दिशा बदल दी। प्रो.रामगोपाल के नजदीकी होने के कारण हरिओम यादव ने बेटे विजय प्रताप को निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बनवा दिया। अब रामवीर वर्तमान हालात को अपने लिए मौका मान रहे हैं।

वहीं दूसरी तरफ तख्तापलट की पटकथा लिखने वाले भाजपा के दिग्गज हैं। माना जा रहा है कि राजनीति के महारथी जिले के पंचायत की सबसे बड़ी कुर्सी अपने पास ही रखना चाहेंगे। हालांकि उनके परिवार का कोई सदस्य जिला पंचायत में नहीं है, इसलिए नंबर उनके नजदीकी का माना जा रहा है। अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली भाजपा की जिला पंचायत सदस्य बबली राजपूत को भी भाजपा की तरफ से मजबूत दावेदार बताया जा रहा है। तर्क यह दिया जा रहा है कि तख्तापलट के बाद कमल लहराया जाना चाहिए, क्योंकि जिला पंचायत में अब तक भाजपा अध्यक्ष पद पर काबिज नहीं हो पाई है। सालों से सपा का कब्जा रहा है।

-भगवा दल का दामन थाम सकते हैं बागी

जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर नए गठजोड़ से इन्कार नहीं किया जा रहा है। पुराने समाजवादी चेहरे रहे लोग भगवा दल का दामन थाम सकते हैं। यह चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं। ऐसे होने के बाद उन्हें कुर्सी पर काबिज होने में आसानी होगी। क्योंकि फीरोजाबाद में भाजपा दूसरे दलों से आए लोगों पर पहले ही दांव खेल चुकी है और इसमें सफल भी रही।

--दो दिग्गजों का रहा वर्चस्व

जिला पंचायत में सपा के दो दिग्गजों का वर्चस्व रहा। चार बार के विधायक रहे रामवीर यादव की बहन रामसिया यादव अध्यक्ष रहीं। वहीं विधायक हरिओम यादव खुद व उनकी पत्नी रामसखी अध्यक्ष रह चुकी हैं। इस बार उनके बेटे विजय प्रताप अध्यक्ष थे।

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'पार्टी में मंथन चल रहा है। अध्यक्ष के चुनाव में हम एक बार फिर मैदान में उतर सकते हैं। चुनाव फिलहाल दूर है। विजय प्रताप छोटू को फिर से मैदान में उतारने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।' रामसेवक यादव, जिलाध्यक्ष सपा

' सभी सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष को हटा दिया है। अभी चुनाव दूर हैं, अध्यक्ष कौन बनेगा इस पर विचार विमर्श होगा। पार्टी मिलकर तय करेगी। फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।'

जयवीर ¨सह, पूर्व मंत्री व भाजपा नेता


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