दर्जनों लगे सबमर्सिबल, फिर भी पानी खारा
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: सरकारी योजनाओं और आधुनिक तकनीक का दौर होने के बावजूद शहर में शुद्ध पानी
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: सरकारी योजनाओं और आधुनिक तकनीक का दौर होने के बावजूद शहर में शुद्ध पानी मुहैया कराने में नगर निगम असफल साबित हुआ है। जांच कराए जाने के बाद भी विभाग अब तक शुद्ध पानी का स्त्रोत तक नहीं ढूंढ सका है। हालात यह है कि शहर के 70 वार्डों में 60 वार्ड ऐसे हैं, जहां खारा व गंदा पानी पीने को लोग मजबूर हो रहे हैं। राहीनगर वार्ड में पाइप लाइन तो कई साल पहले डाली गई थी। मगर इसकी गहराई ज्यादा होने से कई गलियों में पानी ही नहीं चढ़ता है। इससे लोगों को जेट पंप से पानी खींचना पड़ता है। जिनके पास जेट पंप नहीं है, वह ठेल पर बर्तन लादकर हाजीपुरा तक दौड़ लगाते है।
शहर के राहीनगर वार्ड की आबादी 14 हजार के करीब है और साढ़े आठ हजार के आसपास मतदाता निवास करते हैं। इस वार्ड में राहीनगर, गालिबनगर आंशिक तथा नसीरगंज मुहल्ले जुड़े हुए हैं। अल्पसंख्यक व चूड़ी श्रमिक बाहुल्य राहीनगर में सालों पहले बनीं सड़कें टूटने लगी हैं। कई गलियां पाइप लाइन डालने के बाद खुली छोड़ दी गईं हैं। पानी की किल्लत यहां सालों से हावी है। पाइप लाइन डालने के दौरान लोगों ने गहराई ज्यादा होने का विरोध किया था। मगर ठेकेदार ने किसी की नहीं सुनी और अपने रिश्तेदार के घर तक ऊंचाई और उसके आगे गहराई में पाइप लाइन डाल दी। इससे नलकूप से सप्लाई होने वाला पानी पूरे मुहल्ले में नहीं पहुंच पाता है। साधन संपन्न लोग तो सप्लाई के दौरान जेट व टुल्लू पंप लगाकर पानी खींच लेते हैं, लेकिन साधन विहीन लोग मुंह ताकते रहते हैं। इस समस्या पर नगर निगम द्वारा जगह-जगह सबमर्सिबल पंप स्थापित कराए गए हैं, लेकिन किसी भी सबमर्सिबल से शुद्ध व मीठा पानी नहीं आ रहा है। गालिबनगर आंशिक में भी सबसे बड़ी समस्या पानी की है। लोग दिनरात मीठे पानी के लिए परेशान रहते हैं। नालियों में सिल्ट भरी पड़ी है, इससे हलकी सी बारिश में गलियां टापू बन जाती हैं। यहां 70 फीसद लोगों के पास राशनकार्ड तो हैं, लेकिन कोटेदार किसी को खाद्यान्न देता है तो किसी को केरोसिन देकर टहला देते हैं। इसके अलावा शौचालय के लिए भरे गए आवेदनों की अब तक सुनवाई नहीं हो सकी है। इससे बिना शौचालय वाले परिवारों को खुले में शौच को मजबूर होना पड़ता है। नसीरगंज मुहल्ले में भी पानी की समस्या से हर कोई जूझ रहा है। यहां की शीतलखां मुहल्ले को जोड़ने वाली मुख्य सड़क के बीचोबीच सबमर्सिबल लगाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। एक सप्ताह से गड्ढा खुला पड़ा होने से आवागमन बाधित हो गया है। सफाई कर्मचारी तो नियमित आते हैं लेकिन कूड़ा सड़कों पर जमा कर चले जाते हैं।
नगर निगम के ठेकेदार की मनमानी के कारण कालेबाबू वाली गली में गहराई में पाइप लाइन डालने से पानी की आपूर्ति नहीं होती। आपूर्ति के दौरान बिजली चले जाने पर ही थोड़ा पानी मिल पाता है।
असगर हुसैन फोटो-4
-गली में जगह-जगह सबमर्सिबल पंप स्थापित कराए गए। इसके बावजूद शुद्ध व मीठा पानी नहीं निकला। यह पानी नहाने के मतलब का भी नहीं है। प्यास बुझाने के लिए बोतलें खरीदनी पड़ती हैं।
सिराज अनवर फोटो-5
पानी के कारण हमने काम धंधा तक छोड़ दिया है। वह दिनभर घर के बाहर बैठकर पानी आने का इंतजार करते हैं। तब भी पानी नहीं मिलता तो ठेल लेकर हाजीपुरा तक जाना पड़ता है।
कल्लू खान फोटो-6
शीशग्रान वाली मुख्य सड़क सबमर्सिबल की बो¨रग करने के लिए खोदी गई थी। बो¨रग होने व पाइप डालने के बाद भी गड्ढा बंद नहीं हुआ है। इससे पूरे मार्ग कीचड़ फैला हुआ है।
रफीकफोटो-7