एनपीआरसी को थमाई सूची, कहां गए इतने छात्र?
एनपीआरसी ने भी मानी गलती, कुछ ने मौके पर सही कराए प्रपत्र तीन दिन का अल्टीमेटम, एनपीआरसी स्कूल
एनपीआरसी ने भी मानी गलती, कुछ ने मौके पर सही कराए प्रपत्र
तीन दिन का अल्टीमेटम, एनपीआरसी स्कूलों में भी करेंगे जांच
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : सोमवार को बीएसए ने न्याय पंचायत समन्वयकों (एनपीआरसी) की क्लास लगाई। यू डायस के प्रपत्रों को सामने रख कर पूछा आखिर यह छात्र संख्या कहां गई? इतने छात्र कम नहीं हो सकते। एनपीआरसी भी आंकड़े देख कर चौंक गए। कुछ एनपीआरसी ने फी¨डग में गड़बड़ी का अंदेशा जताते हुए कहा विभागीय स्तर पर फी¨डग में संख्या गलत हो गई है। इस पर प्रपत्रों को निकाल कर जांच की गई तो कुछ प्रपत्रों में शिक्षकों की कमी सामने आई। एनपीआरसी को तीन दिन में जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश हुए हैं।
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष यू डायस डाटा में छात्र संख्या में बड़ा अंतर है। 1.8 लाख के सापेक्ष मात्र 1.4 लाख बच्चे स्कूलों में दर्शाए गए हैं। जिससे विभाग भी हैरान है। कुछ बच्चों के नाम कट सकते हैं, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में बच्चे कम होने पर सभी एनपीआरसी को बीएसए ने सोमवार को तलब किया था। बीएसए ने बैठक में जब आकड़े रखे तो एनपीआरसी भी चौंक गए। कइयों ने फी¨डग में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए कहा उनके स्कूल में बच्चे अधिक हैं इसमें कम दर्शाए गए हैं। इस पर बीएसए ने दफ्तर में रखे हुए फॉर्म निकलवाकर जांच कराई तो पता चला कुछ शिक्षकों ने ही संख्या गलत अंकित कर दी थी। एनपीआरसी ने इसको भी सही कराया। बैठक में ही करीब 500 छात्र मिल गए। एनपीआरसी को सभी प्रपत्र सौंपते हुए कहा कि वह तीन दिन में प्रपत्रों की पूरी तरह जांच करा कर सौंपे।