नियमों की अनदेखी कर भर रहे फर्राटा
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: हाईवे के दोनों किनारों पर बसी सुहागनगरी में ट्रैफिक का बुरा हाल है। हाद
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: हाईवे के दोनों किनारों पर बसी सुहागनगरी में ट्रैफिक का बुरा हाल है। हादसों की नगरी बन रहे शहर में चौराहों पर हर पल नियमों की धज्जियां उड़ती हैं। हर चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस और होमगार्ड तैनात रहते हैं, मगर न तो दुपहिया वाहन चालकों के सिर पर हेलमेट नजर आता है और न ही कार सवारों पर सीट बेल्ट। चौराहों पर ट्रैफिक सिगनल की बत्तियां भले ही न जलती हों, मगर लाल बत्ती पर रुकने वाला ट्रैफिक नियम जरूर तोड़ता है। नियमों की अनदेखी के चलते हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है, मगर वाहन चालक तो सुधरने को तैयार हैं ही नहीं। पुलिस भी इन पर अंकुश लगाने के बजाय वसूली में लगी रहती है।
सुहागनगरी में सुबह आठ बजे से रात्रि नौ बजे तक नो एंट्री है। इस व्यवस्था पर नजर रखने के लिए तिराहे-चौराहों पर तैनात ट्रैफिक और इलाका थानों की पुलिस बेपरवाह रहती है। निर्धारित अवधि में एंट्री करने वाले वाहनों को सुविधा शुल्क लेकर गुजार दिया जाता है। स्टेशन रोड हो या सेंट्रल चौराहा, जलेसर रोड, सरकुलर रोड, इमामवाड़ा से रसूलपुर मार्ग, यहां अक्सर मेटाडोर, लोडर वाहन नो एंट्री के समय अक्सर दौड़ते दिखाई दे जाते हैं। शहरी क्षेत्र से गुजर रहे हाईवे पर भी भारी वाहन बेखौफ दौड़ते हैं।
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हाईवे पर मनमानी से दौड़ते वाहन
हाईवे पर मनमानी से वाहन दौड़ते हैं। तहसील मोड़ की ओर से आने वाले अधिकांश वाहन सुहागनगर तिराहा से जाने के बजाय सीधे गलत दिशा में ही जाते हैं। इससे हादसे भी होते रहते हैं। इसी तरह सुभाष तिराहे पर भी तमाम छोटे और बड़े वाहन नियमों को तोड़ गलत दिशा से गुजरते रहते हैं, लेकिन कोई रोकने वाला नहीं है।
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वन-वे की धज्जियां
हाईवे किनारे सर्विस मार्ग पर वन-वे व्यवस्था है, मगर इसका पालन नहीं हो रहा है। कार और अन्य हल्के एवं भारी वाहन दोनों तरफ से बेखौफ गुजरते हैं, जिससे जाम लगता रहता है। कई बार यह जाम नासूर तक बन चुका है, मगर पुलिस प्रशासन इस व्यवस्था को नियमानुसार लागू नहीं करा पा रहा है। वन-वे व्यवस्था लागू हो, तो यहां जाम से मुक्ति मिल सकती है।
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स्कूलों के वाहन लगाते जाम
गांधी पार्क मुख्य चौराहा है। यहां हर रोज छुट्टी के समय स्कूली वाहन बस और अन्य वाहनों की बहुलता के कारण जाम लगता रहता है। पूर्व में कई बार यहां स्कूली वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाया था, मगर विरोध के कारण यह व्यवस्था पैकअप कर ली गई। यहां पुलिसकर्मी तैनात होते हैं, मगर फिर भी जाम लगता रहता है।
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संसाधनों का अभाव भी खल रहा
सुहागनगरी औद्योगिक नगरी है। यहां रोजाना दर्जनों भारी वाहनों पर लो¨डग और अनलो¨डग होती है। ट्रांसपोर्ट नगर न होने के कारण ट्रांसपोर्ट कंपनी भी शहर में ही हैं। ऐसे में दिन में भी तमाम भारी वाहन शहर में प्रवेश कर जाते हैं। यातायात विभाग के पास इतने संसाधन नहीं कि वे यातायात को व्यवस्थित कर सकें। स्टाफ की संख्या में वृद्धि के अलावा अन्य संसाधन भी मिलें तो व्यवस्थित हो यातायात।
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पल-पल पर टूटते नियम
शहर के जाटवपुरी, नगला बरी एवं अन्य चौराहों व तिराहों पर दोपहिया वाहन चालक तो पल-पल पर ट्रैफिक के नियमों को तोड़ते रहते हैं। अगर पुलिसकर्मी कोई कार्रवाई करें, तो ये उन पर हावी तक हो जाते हैं। इस वजह से पुलिसकर्मी भी फजीहत से बचने को शांत रहने में ही भलाई समझते हैं।
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डीएम ने रस्सी बांध चलाया था ट्रैफिक
यहां की जनता में यातायात के नियमों को आत्मसात करने को तत्कालीन डीएम विजय किरन आनंद ने चौराहे पर खुद खड़े होकर ट्रैफिक संचालन कराया था। सुभाष तिराहे पर तो रस्सा बांधकर नियमों का पालन कराया, लेकिन बाद में यातायात फिर पुराने ढर्रे पर चल निकला।
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335 वाहन सीज, 6.95 लाख शमन शुल्क वसूला
जिले में ट्रैफिक विभाग खासा सक्रिय है। जनवरी से नवंबर तक कई बार अभियान चलाए गए। नवंबर में यातायात माह भी चलाया गया। बड़ी संख्या में कार्रवाई हुईं, फिर भी वाहन चालकों की आदतों में सुधार नहीं हो सका। यातायात उप निरीक्षक मनोज यादव ने बताया 11 माह में 6060 वाहनों का चालान किया गया, 335 वाहन सीज किए गए। 6.95 लाख रुपये शमन शुल्क भी वसूला गया है। कार्रवाई में दोपहिया, ओवरलोड छोटे एवं बड़े वाहन, टेंपो-ऑटो, बस आदि वाहन शामिल हैं।
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- यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर समय-समय पर कार्रवाई की जाती रही है। यातायात माह में बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाने, तीन सवारी चलने और ओवरलोड वाहनों के संचालन आदि नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई की गई हैं। कई बार स्कूलों में जाकर नियमों के प्रति जागरूक किया गया है।
-ओमकार ¨सह यादव, सीओ ट्रैफिक
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