स्कूल गेट पर ताला, ठंड में ठिठुरे बच्चे
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: प्राथमिक स्कूल सुखमलपुर निजामाबाद। वक्त सुबह नौ बजकर दस मिनट। स्कूल गेट
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: प्राथमिक स्कूल सुखमलपुर निजामाबाद। वक्त सुबह नौ बजकर दस मिनट। स्कूल गेट पर ताला लगा हुआ था। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे स्कूल गेट के बाहर खड़े होकर शिक्षकों के आने का इंतजार कर रहे थे। कुछ देर बाद शिक्षक पहुंचे, तब स्कूल का ताला खुला। इसके बाद स्कूल के बच्चे खुद ही टाट पट्टी बिछाते हुए बैठने की जगह बनाने लगे।
यह स्थिति सिर्फ एक स्कूल की नहीं है। नगर के अधिकांश स्कूलों का यही हाल है। नगर के स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नहीं हैं, तो कई स्कूलों में बच्चे ही साफ-सफाई करते हैं। अधिकांश स्कूलों में शिक्षक देर से पहुंचते हैं, तो कई स्कूलों में छात्र संख्या के नाम पर गिने-चुने छात्र हैं। शहर के अधिकांश स्कूलों में साफ-सफाई की जिम्मेदारी भी बच्चों पर है। जिन स्कूलों में कर्मचारी हैं, वहां भी टाट-पट्टी का काम बच्चे करते हैं। अफसरों की मेहरबानी का आलम यह है नगर क्षेत्र में कार्यरत कुछ कर्मचारियों को दफ्तरों से संबद्ध कर लिया है। स्कूलों में इनका काम मजबूरी में बच्चों को करना पड़ रहा है। 13 ग्राम सभाओं के साथ नगर में शामिल हुए स्कूलों का भी कुछ यही हाल है।
साहब, इन स्कूलों में पानी का इंतजाम क्यों नहीं
नगर क्षेत्र के स्कूलों में पानी एवं शौचालय के नाम पर नगर क्षेत्र के अफसरों के पास किराये के भवन का बहाना होता है, लेकिन एक सवाल यह खड़ा है जिन स्कूलों के पास में अपना भवन है। उन स्कूलों में पानी का इंतजाम क्यों नहीं? प्राथमिक स्कूल रेहना को ही देखें। इस स्कूल का अपना भवन है, लेकिन इसके बाद भी स्कूल में पानी का इंतजाम नहीं है। बच्चे प्यास लगने पर घर की दौड़ लगा लेते हैं। देहात में शौचालय का संदेश देने वाला विभाग इस स्कूल में शौचालय भी नहीं बनवा सका है। उच्च प्राथमिक स्कूल रेहना का भी कुछ ऐसा ही हाल है। यहां शौचालय तो है, लेकिन पीने के पानी का इंतजाम नहीं है।
अधिकारी कहिन
'नगर क्षेत्र के स्कूलों में हम खुद जांच करेंगे। स्कूल में शिक्षकों के वक्त पर न पहुंचने पर कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में हम नगर शिक्षाधिकारी से भी वार्ता करेंगे।'
-डॉ. सच्चिदानंद यादव
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी
फीरोजाबाद।