दशकों बाद किसी सरकार ने दिखाई दिलेरी
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: कई दिन से आतंकवाद पर कार्रवाई की मांग उठ रही थी। बुधवार रात में पाकिस्ता
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: कई दिन से आतंकवाद पर कार्रवाई की मांग उठ रही थी। बुधवार रात में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में भारतीय सेना की कार्रवाई की खबर गुरुवार दोपहर आई तो हर तरफ चर्चा होने लगी। युवाओं के चेहरों पर मुस्कान थी तो भारत माता की जय.., जय ¨हद जैसे संदेश सोशल साइट्स पर वायरल होने लगे।
'दशकों साल बाद कोई अच्छी खबर सुनने को मिली है। हर भारतीय को इस कार्रवाई पर गर्व होना चाहिए। भारत को ऐसे एक्शन जारी रखने होंगे, तभी आतंकवादी भारत में आतंक फैलाने से खौफ खाएंगे।'
-पीके ¨झदल, समाजसेवी।
'यह एक सख्त और जरूरी कदम है। हर भारतीय की एक ही इच्छा है आतंकवाद का खात्मा हो। काफी अरसे बाद किसी सरकार ने इस तरह की दिलेरी दिखाई है। अब आतंकवाद के खिलाफ बड़ी जंग की जरूरत है।'
-डॉ.निमित्त गुप्ता, न्यूरो सर्जन।
'भारतीय सेना आतंकवादियों को करारा जवाब देने में सक्षम है। अब तक सरकार की ढुलमुल नीतियों के चलते सेना शांत थी। जो काम अब हुआ है वह तो काफी पहले होना चाहिए था। यह कार्रवाई आगे भी जारी रहनी चाहिए।'
-अनूप चंद्र जैन, वरिष्ठ अधिवक्ता।
'यह एक सराहनीय कदम है। धैर्य की भी एक सीमा होती है। भारतीय सैनिक व सरकार लंबे वक्त से धैर्य धारण किए हुए थे, जबकि पड़ोसी इसे हमारी कमजोरी समझ रहे थे। उन्हें ऐसे ही करारा जवाब देने की जरूरत थी।'
-आनंद अग्रवाल, चूड़ी कारोबारी।
'आतंकवाद के खिलाफ केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाया है। अब जरूरत है इस कार्रवाई को इतना सख्त करना चाहिए कि फिर कोई आतंकवादी भारत में प्रवेश करने की हिम्मत नहीं दिखा सके।'
-प्रियंका बंसल, समाजसेवी।
'केंद्र सरकार का आतंकवाद के खिलाफ पहली बार सही दिशा में कदम हैं। जब तक हम जवाब नहीं देंगे, तब तक आतंक को खत्म नहीं किया जा सकता है। इस तरह के रुख से सेना के जवानों का मनोबल भी बढ़ता है।'
-राहुल जैन सिटीजन, चूड़ी उद्योगपति।
'आतंकवाद को केंद्र सरकार ने सही जवाब दिया है। पीओके में घुस कर कार्रवाई से भारत ने बता दिया है आतंकवाद के खिलाफ हम किसी भी हद तक जा सकते हैं।'
-राजकुमार मित्तल, प्रमुख उद्योगपति।
'भारत सरकार ने सही वक्त पर सही फैसला लिया है। आतंकवादियों ने भारतीय सैनिकों को निशाना बनाया था लिहाजा यह अंजाम होना था, लेकिन यह भी देखना होगा हर मसले का हल युद्ध नहीं है। बातचीत के रास्ते से सुलझाने के प्रयास करने चाहिए।'
-मौलाना आलम मुस्तफा याकूबी, सचिव इस्लामिक सेंटर।
'¨हदुस्तान की सरकार को यह कदम काफी पहले उठा लेना चाहिए था, जो आज उठाया है। हमारे 18 सैनिक शहीद हुए हैं। भारत को 1800 आतंकियों को मौत के घाट उतारना चाहिए।'
-काजी शाहनियाज अली, शहर काजी।