जेब से सफाई कराते हैं नगला विष्णुवासी
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : नगला विष्णु क्षेत्र में अव्यवस्थाओं का आलम है। सफाईकर्मी तैनात होते हुए
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : नगला विष्णु क्षेत्र में अव्यवस्थाओं का आलम है। सफाईकर्मी तैनात होते हुए भी यहां रहने वाली जनता को अपने खर्चे पर सफाई करानी पड़ती है। नियमित सफाई के लिए कुछ गली में रोटी के बदले सफाई की परंपरा बन गई है।
लाइनपार क्षेत्र में बसा नगला विष्णु इलाका नगर निगम का पुराना मुहल्ला है। इसमें मिश्रित आबादी निवास करती है। मुहल्ले में घुसते ही खस्ता हाल मुख्य मार्ग से सामना होता है। जिस पर रिक्शा और बाइक भी हिचकोले खाती है। मार्ग जगह जगह टूट गया है। वर्षों से उसकी मरम्मत नहीं हुई है। मरीज और चोटिल व्यक्तियों को अस्पताल आने जाने में भी दिक्कत होती है। कई संपर्क गलियां भी क्षतिग्रस्त हैं तो कुछ गलियां कच्ची पड़ी हैं। जिससे बरसात में यहां स्थिति काफी खराब हो जाती है।
मुहल्लेवासी सबसे अधिक सफाई व्यवस्था से परेशान हैं। महीनों हो गए नगर निगम के सफाईकर्मियों ने शक्ल नहीं दिखाई है। गंदगी से निजात पाने के लिए मुहल्लेवासी प्राइवेट कर्मचारियों से प्रतिदिन दो-दो रोटी देकर सफाई करा रहा हैं तो कोई महीनेदारी देता है। ये कर्मचारी केवल नाली की सफाई करते हैं। गलियों लोगों को खुद ही साफ करनी पड़ती हैं। ऐसा तब है जब इस क्षेत्र में नगर निगम की ओर से सफाईकर्मी और सुपरवाइजर दोनों की नियुक्ति की गई है।
संजय मैरिज होम के सामने गली में पिछले डेढ़ वर्षों से पानी नहीं आ रहा है तो गली नंबर पांच में गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है। कुछ अन्य गलियों का भी यही हाल है। कुछ गलियों में विद्युत पोल भी नहीं लगे हैं। जिससे क्षेत्रवासियों को कनेक्शन के बाद भी बिजली नहीं मिल रही। उन्हें दो सौ, तीन सौ मीटर दूर से तार खींचकर लाने पड़ रहे हैं।
जनता की बात: 'कई बार शिकायत कर चुके, लेकिन अभी तक न तो गली का निर्माण हुआ है और न जलापूर्ति की तरफ कोई ध्यान दिया गया। सफाई कराने के लिए डेढ़ सौ रुपये प्रति महीना खर्च करने पड़ते हैं।'
-गिरंद ¨सह
'पानी के लिए कई बार नगर निगम जाकर गुहार लगा चुके। पहले पानी आता था। सीवर लाइन डालते समय पाइप लाइन ऊंची कर दी तब से समस्या है। अधिकारी अपनी गलती भी नहीं सुधार रहे।'
-रेनू देवी
'नगर निगम से कोई सफाईकर्मी नहीं आता। प्राइवेट कर्मचारी रोटी लेकर सफाई करता है। बरसात में नालियां चोक हो जाती हैं। जिससे जल भराव हो जाता है। अधिकारियों को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।'
-अनीता
'जो परिवार सुबह रोटी नहीं दे सकते। वह सफाईकर्मी 30 रुपये महीना देते हैं। पानी पीने लायक नहीं है। कई गलियों में इंटर लॉ¨कग उखड़ी पड़ी है। गंदगी के कारण हर कोई परेशान है।'
-नत्थीलाल
'हमें भी सफाई के संबंध में कुछ शिकायतें मिली हैं। हम जांच कराएंगे, लेकिन रुपये या रोटी देकर सफाई कराने की बात गलत है। कौन सी गलियां और मार्ग मरम्मत योग्य है ये भी दिखवाएंगे, लेकिन जनता से भी आग्रह है कि वह टैक्स जमा करे।'
राम औतार रमननगर आयुक्त।