नेपाल बॉर्डर पर दम तोड़ती चूड़ी की खनक
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : भूकंप के झटकों से टूटी चूड़ी की खनक नेपाल में एक बार फिर खतरे में हैं
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : भूकंप के झटकों से टूटी चूड़ी की खनक नेपाल में एक बार फिर खतरे में हैं। दशहरा निकट है लेकिन चूड़ी की खनक बॉर्डर के सन्नाटे को तोड़ नहीं पा रही है। मधेशी आंदोलन के खौफ से कुछ ट्रक रुके हुए हैं। ऐसे में दशहरा भी यूं ही गुजरता नजर आ रहा है।
नेपाल एवं भारत के कारोबारी रिश्ते काफी पुराने हैं। बॉर्डर से काफी दूर होने के बाद भी फीरोजाबाद का रिश्ता काफी अच्छा है। वहां चूड़ी का बड़ा कारोबार है। शहर के चूड़ी कारोबारियों ने अपनी दुकानें वहां खोल रखी हैं। वर्ष भर में होने वाले कारोबार का 40 फीसद कारोबार तीज और दशहरा पर ही होता है। तीज तो भूकंप की भेंट चढ़ गई और मौजूदा हालातों में दशहरा भी सूना-सूना गुजरता नजर आ रहा है। कारण फीरोजाबाद की चूड़ी नेपाल नहीं पहुंच पा रही है। नेपाल से आने वाले ऑर्डर पर यहां के कारोबारियों ने माल तैयार करा कर भेज दिया, एक दर्जन से ज्यादा ट्रक नेपाल बॉर्डर पर फंसे बताए जाते हैं। किसी का माल दस दिन से तो किसी का सात दिन से नेपाल में प्रवेश की राह तक रहा है। नेपाल से कारोबारियों के फोन आ रहे हैं तो यहां के कारोबारी ट्रांसपोर्टर को फोन कर रहे हैं, लेकिन बॉर्डर पर खड़े ट्रक चालक मधेशी आंदोलन के चलते नेपाल में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में इस त्योहार पर भी कारोबारियों को करारी चपत लगती नजर आ रही है।
त्योहार पर ही होती है तगादे की वसूली :
चूड़ी कारोबार उधारी पर चलता है। त्योहार पर ही तगादे की वसूली होती है। ऐसे में कारोबारी भी उत्साहित थे। उन्हें उम्मीद थी कि भूकंप के बाद त्योहार पर हालात सुधरेंगे तो पिछला बकाये का भी भुगतान हो जाएगा। मगर अब जब माल ही नहीं पहुंच पा रहा तो पुराने भुगतान की उम्मीद भी टूट रही है। कारोबारियों का मानना है कि ऑर्डर अगर त्योहार के बाद में पहुंचे तो इसका भी पेमेंट फंस जाएगा।
ट्रांसपोर्टर की बात
'हमारी चार-पांच गाड़ी पिछले दस दिन से बॉर्डर पर फंसी हुई हैं। पहले तीन दिन में माल की डिलीवरी हो जाती थी, गाड़ियों का भाड़ा फंस गया है तो गाड़ी पर मुनीम के साथ में चालक एवं अन्य स्टाफ का प्रतिदिन का 1500 रुपये का खर्चा अलग से हो रहा है। पिछले दिनों बड़ी मुश्किल से दो तीन गाड़ी अंदर प्रवेश कर पाईं। दशहरा भी इस बार सूना नजर आ रहा है। कारोबार खासा प्रभावित हो रहा है।'
-राजीव शर्मा, ट्रांसपोर्टर
फोटो नंबर 13
--कारोबारियों की बात--
नेपाल से बड़ा कारोबार चलता है। इस बार भी दशहरा पर नेपाल के लिए ऑर्डर हैं, लेकिन जब पुराने माल की डिलीवरी नहीं हो पा रही ऐसे में नया माल तैयार करने की हिम्मत भी नहीं हो रही। अगर यही हाल रहा तो इस वर्ष कारोबार में तगड़ा झटका लगना तय है।
-योगेश अग्रवाल, अध्यक्ष
नेपाल चूड़ी विक्रेता संघ
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नेपाल में दशहरा काफी जोर-शोर से मनाया जाता है। इस दौरान अच्छी बिक्री होती है। त्योहार पर ही पुराना भुगतान भी होता है, लेकिन जब ऑर्डर की डिलीवरी ही नहीं हो पाएगी तो भुगतान कैसे होगा। नेपाल में चल रहे अंदरूनी हालात कारोबार को खासा प्रभावित कर रहे हैं।
-कमल गुप्ता, चूड़ी कारोबारी
फीरोजाबाद
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