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श्मशान तक पीछा नहीं छोड़तीं समस्याएं

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : शहर का मुहल्ला रविदास नगर। निगम की लापरवाही का दर्द यहां की जनता को

By Edited By: Published: Sun, 06 Sep 2015 06:32 PM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2015 06:32 PM (IST)
श्मशान तक पीछा नहीं छोड़तीं समस्याएं

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : शहर का मुहल्ला रविदास नगर। निगम की लापरवाही का दर्द यहां की जनता को हर पग पर झेलना पड़ रहा है। नगर निगम में होने के बाद भी क्षेत्र के हालात बदतर हैं। सड़कों पर गड्ढे ठोकरें दे रहे हैं तो रही बची कसर बिजली विभाग पूरी कर रहा है। बिजली के पोल यहां नजर नहीं आते। जनता खुद ही दूर से तार खींच कर लाती है जो आए दिन टूट कर हादसो का भी सबब बनते हैं। हाल यह है निगम की ओर से पाइप लाइन के लिए सड़क खोद कर डाल दी है, इसके बाद इसकी सुध नहीं ली।

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रविदास नगर सैलई में अधिकांशत: दलित आबादी रहती है। ऐसा नहीं है नगर निगम ने यहां पर विकास कार्य नहीं कराए, लेकिन इन विकास कार्यों को नगर निगम ने अधूरा छोड़ दिया। कुछ गलियां पक्की बन गई हैं, लेकिन इन पक्की गलियों के ऊंची हो जाने से यहां पर कच्ची गलियां काफी नीची हो गई हैं। इससे बरसात के बाद यहां पर कई-कई दिन तक पानी भरा रहता है। नाली निर्माण भी अनदेखी का नतीजा है। घरों से निकलने वाला गंदा पानी घरों के आसपास भर रहा है जो क्षेत्रीयजनों का राह गुजरना दूभर कर रहा है। बीमारियों का भी सबब बन सकता है। जलभराव की समस्या एक-दो गलियों में नहीं बल्कि लगभग पूरे क्षेत्र से होते हुए श्मशान तक जाती है।

मरघट के आसपास भी ऊंची-ऊंची गलियां पक्की करने के बाद यूं ही छोड़ दी गई हैं। इससे यह स्थान अब गड्ढेनुमा हो गया है। हल्की सी बरसात में ही यहां जलभराव हो जाता है। क्षेत्रीयजनों का कहना है कि शव यात्रा में आने वाले लोगों को शमशान तक पहुंचने में काफी दिक्कत होती है।

मुहल्ले में पेयजल की भी कोई व्यवस्था नहीं है। विद्युत विभाग ने कनेक्शन बांटने के साथ घरों में मीटर तो लगा दिए, लेकिन क्षेत्र में विद्युतीकरण नहीं किया है। गलियों में पोल नहीं होने से कई लोगों को कनेक्शन तक नहीं मिल सके हैं। क्षेत्रीयजन आधा से एक किमी दूर से तार खींचकर बिजली जला रहे हैं। तारों के आए दिन टूटने से समस्याएं खड़ी होती हैं।

--जनता का दर्द--

'लंबे वक्त से गली का निर्माण नहीं हुआ। बरसात में जलभराव हो जाता है, जिससे हम घर से बाहर भी नहीं निकल पाते। बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है। कई परिवारों को अपना मकान छोड़कर जाना पड़ता है।'

सावित्री देवी फोटो संख्या 5

'दो महीने से पानी का संकट है। रक्षाबंधन के दिन भी पूरा मुहल्ला बूंद-बूंद पानी को तरसता रहा। बाद में पानी के दो टैंकर मंगाए गए। रोज तो टैंकर मंगा नहीं सकते। ट्यूबवेल पर जाते हैं तो वहां कोई मिलता नहीं है।'

मीरा देवी फोटो संख्या 6

'पूरे क्षेत्र में पेजयल की समस्या है। बिजली के खंभे कहीं लगे नहीं है। कई बार संबंधित अधिकारियों से कहा भी, लेकिन अभी तक सुनवाई नहीं हुई। पाइप लाइन ठीक करने के नाम पर कई दिन से गली खुदी पड़ी है।'

मुकेश बाबू फोटो संख्या 7

'सड़क और नाली का ढलान मरघट की तरफ करने से स्थिति काफी खराब हो गई है। शवयात्रा में आने वाले लोग परेशान होते हैं। मरघट में एक हैंडपंप तक नहीं है। मुहल्ले में सफाई के लिए कोई इंतजाम नहीं है।'

रामसनेही फोटो संख्या 8

-इनकी भी सुनो--

'गलियों का निर्माण कराने के लिए कई बार नगर निगम को लिखकर दिया है, लेकिन आज तक नगर निगम ने इस क्षेत्र के विकास के लिए टेंडर पास नहीं किया। मरघटी में भी समस्या हैं। बाउंड्री तक नहीं है। जलभराव और पेयजल की भी दिक्कत है। पानी की समस्या दूर करने के प्रयास हो रहे हैं।'

-संजय देवी, निवर्तमान सभासद

-निगम की बात-

'जो गलियां नहीं बनी हैं, उनका सर्वे कराया जा रहा है। पानी की समस्या दूर करने के लिए काम चल रहा है। मरघट में यदि कोई समस्या है तो हम खुद जाकर वहां का जायजा लेंगे।'

-रामऔतार रमन, नगर आयुक्त


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