मुआवजा के चेक भुनाने को भटक रहे कास्तकार
फीरोजाबाद : सूखे से मिला दर्द मिटाने को प्रशासन द्वारा दिया जा रहा मुआवजा भी कास्तकारों की पीड़ा बढ़ा
फीरोजाबाद : सूखे से मिला दर्द मिटाने को प्रशासन द्वारा दिया जा रहा मुआवजा भी कास्तकारों की पीड़ा बढ़ा रहा है। आठ-आठ सौ रुपये के चेक भुनाने के लिए वे काफी रुपये भाग दौड़ में खर्च कर चुके हैं।
जिले में सूखे के कारण पिछले वर्ष सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद हो गई। इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से करीब 70 करोड़ रुपये की डिमांड की गई थी। इसमें से अभी तक 33 करोड़ रुपये मिले हैं। प्रशासन इस धनराशि को बंटवा रहा है। सदर तहसील द्वारा अगस्त माह के पहले पखवाड़े में जिन कास्तकारों को मुआवजा के चेकबांटे गए हैं। उनमें से कई चेक बैंकों द्वारा मामूली गलतियों के कारण रिजेक्ट कर दिए गए हैं। नाम लिखते समय हुई मात्रा की गलती पर भी भुगतान नहीं दिया गया। अब ये किसान चेक सही कराने को भटक रहे हैं।
ऐसे चेक सही कराने के लिए दूर दराज से कई किसान तहसील पहुंच गए। जिसके कारण तहसीलदार कार्यालय के बाहर किसानों की लाइन लग गई। तहसीलदार जीत ¨सह राय ने जांच के बाद एक एक कर चेक सही किए। गांव नगला आसा, मटसेना और अलीनगर केंजरा के किसानों ने बताया कि चेक लेकर जब वे बैंक पहुंचे तो बैंककर्मियों ने उन्हें चेक गलत बताकर लौटा दिया।