शिक्षकों के बीच तकरार, हंगामा
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : एसआरके कॉलेज में शिक्षकों की बैठक में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। कॉलेज
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : एसआरके कॉलेज में शिक्षकों की बैठक में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। कॉलेज में छात्राओं के लिए कॉमन गर्ल्स रूम की वैकल्पिक व्यवस्था पर मंथन के बजाए शिक्षकों ने सवाल खड़ा किया आखिर कॉलेज की खबर कॉलेज से बाहर कैसे पहुंची। इतना ही नहीं, एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप के दौर के दौरान जमकर तकरार हुई। हंगामे के बीच कॉलेज में कई पुरानी समस्याएं भी शिक्षकों ने उठाई। बाद में प्राचार्य ने इनके निदान का आश्वासन दिया।
एसआरके महाविद्यालय में कॉमन गर्ल्स रूम न होने की समस्या को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया था। मंगलवार को कॉलेज में होने वाली बैठक भी गर्ल्स कॉमन रूम की भेंट चढ़ते हुए नजर आई। बैठक शुरु होते ही शिक्षकों ने कॉलेज की खबरों को कॉलेज से बाहर पहुंचाने के लिए कॉलेज के ही शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया। मामला इस कदर बढ़ा कि कुछ शिक्षक भी इस पर गुस्से में आ गए। शिक्षकों के बीच में जमकर नोकझोंक हुई। एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप के दौरान कॉलेज की खामियों को बाहर तक न पहुंचाने पर शिक्षकों का जोर रहा। इस दौरान कई मुद्दे उठाए गए। कॉलेज में पानी की टंकियां खराब होने सहित कई मुद्दे बैठक में उठे तो यह भी कहासुनी की भेंट चढ़ गए।
छात्रों की लगी भीड़, बोले हर साल का है नियम
बैठक में तेज आवाज में शिक्षकों को चिल्लाते हुए देखकर कक्ष के बाहर छात्र-छात्राओं की भीड़ लग गई। छात्र-छात्राएं अपने सहपाठियों को फोन कर बुलाते नजर आए कि आओ देखो। गुरुजी झगड़ रहे हैं। इस दौरान कुछ छात्र तो यहां तक कहते नजर आए, यह तो इस कॉलेज में हर वर्ष होता है। बताते चलें, शहर का एसआरके कॉलेज सदैव से हंगामों के लिए सुर्खियों में रहा है। शिक्षकों के बीच पूर्व में भी इस तरह की घटनाएं होती रही हैं। पिछले वर्ष भी कॉलेज में कुछ शिक्षकों के लेट आने पर रेड लगाने पर कॉलेज में प्राचार्य कक्ष में शिक्षकों ने कुर्सियां तक फेंक दी थी।
प्राचार्य की बात
'शिक्षकों की बैठक बुलाई गई थी। कॉलेज की समितियों में सहभागिता पर शिक्षकों को कुछ आपत्ति थी। उस पर समितियों की सूची पढ़ कर सुना दी गई। कॉलेज की कुछ समस्याएं थी, उस पर शिक्षकों ने अपने तर्क दिए। शिक्षकों को समझाया है धीरे-धीरे व्यवस्थाएं सुधर रही हैं। राजनीति शास्त्र विभाग में टंकी लगवा दी गई है। अब अन्य विभागों में कार्य कराने की बारी है।'
-डा.विपिन कुमार, प्राचार्य
एसआरके महाविद्यालय।