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किसानों को रुला रहा सब्जियों का राजा

संवाद सहयोगी, टूंडला: सब्जियों का राजा मंदी की कैद में है। आलू की गिरती कीमतें किसानों की ¨चता बढ़ र

By Edited By: Published: Sun, 02 Aug 2015 08:35 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2015 08:35 PM (IST)
किसानों को रुला रहा सब्जियों का राजा

संवाद सहयोगी, टूंडला: सब्जियों का राजा मंदी की कैद में है। आलू की गिरती कीमतें किसानों की ¨चता बढ़ रही हैं। मौैजूदा कीमत में लागत न निकलती देख किसानों ने आलू को कोल्ड स्टोर से निकालने की योजना स्थगित कर दी है। ऐसे में 80 फीसद करीब आलू कोल्ड में ही भरा पड़ा है। यही हाल रहा तो आलू का सड़ना तय है।

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लाखों रुपये ब्याज पर लेकर आलू की खेती करने वाले किसान परेशान हैं। इसकी वजह है बाजार में आलू के सही दाम न मिलना। पिछली साल अब तक करीब 60 से 70 प्रतिशत आलू की निकासी हो गई थी। इस बार 20 प्रतिशत आलू की ही कोल्ड स्टोर से निकासी हो सकी है। किसान राजेश कुमार व रामगोपाल की मानें तो 50 किलो के पैकेट पर करीब 300 से 350 रुपये का खर्चा आता है। जबकि बाजार में अच्छे आलू का पैकेट मात्र 200 से 250 रुपये में बिक रहा है। ऐसे में किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है। किसान आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल और तमिलनाडु सहित कई प्रांतों में आलू बेचते हैं, लेकिन इस बार किसानों को कहीं भी आलू के सही भाव नहीं मिल रहे हैं। किसान नेत्रपाल ¨सह व रामप्रकाश का कहना है कि गुजरात में आलू के ट्रक पर सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है। यहां भी मंडी में आने वाले ट्रकों से शुल्क समाप्त किया जाना चाहिए।

-पिछली बार 1000 में बिका था पैकेट

किसान इस बात को सोचकर परेशान हैं कि पिछली बार एक आलू पैकेट करीब 1000 रुपये में बिका था। ऐसी स्थिति में जब खर्चा भी नहीं निकलेगा, तो कोल्ड से आलू पैकेट उठाकर वह क्या करेंगे। कम से कम कोल्ड का किराया तो बच रहा है।

-निकासी न होने से परेशान कोल्ड संचालक

आलू की निकासी न होने के कारण कोल्ड संचालक भी परेशान हैं। वह किसानों को काफी रुपया एडवांस दे चुके हैं और अब किसान आलू की निकासी के लिए नहीं आ रहे हैं। यदि किसान आलू उठाने नहीं आए तो उनका किराया भी मारा जाएगा। जो एडवांस दे चुके हैं। वह भी वापस लौटकर आने वाला नहीं। ऐसी स्थिति में कोल्ड संचालक किसानों से आलू निकासी को दबाव बना रहे हैं। कोल्ड स्टोर संचालक छत्रपाल शर्मा व राजीव जैन कहते हैं मंदी के चलते किसान आलू निकासी से परहेज कर रहे हैं, बाजार में लगातार गिरती आलू की कीमतें किसानों को कर्ज तले दबा रही हैं। आलू की निकासी न होने पर उसका सड़ना तय है। सरकार को भी आलू निर्यात के बारे में सोचना चाहिए।

मंडी में छह रुपये प्रति किलो बिक रहा आलू

नगर की सब्जी मंडी में आलू छह रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। सब्जी विक्रेता मोहन ¨सह का कहना है कि हल्द्वानी आलू 36 रुपये प्रति किलो, लखनऊ 12 रुपये और 3797 सादा वाला आलू छह रुपये प्रति किलो बिक रहा है।


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