जनाब.. पर्यवेक्षणीय अफसर क्यों बच जाते हैं हर बार?
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : जनता की शिकायतों पर राशन डीलरों पर पिछले दिनों डीएम की ओर से की गई कार्
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : जनता की शिकायतों पर राशन डीलरों पर पिछले दिनों डीएम की ओर से की गई कार्रवाई जनता सराहा रही है, लेकिन एक सवाल राशन डीलरों की दुकानों से लेकर प्रशासनिक खेमे तक खड़ा है। जब राशन नहीं बांटा जा रहा है तो फिर इन दुकानों पर पर्यवेक्षण के लिए लगाए गए अफसर क्या कर रहे थे? उन्होंने अपनी रिपोर्ट में पहले इसका उल्लेख क्यों नहीं किया? ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पूर्व में भी कई बार इस तरह के मामले पकड़े गए हैं। राशन डीलर के यहां पर स्टॉक मिला है, लेकिन कागजों पर अफसरों की रिपोर्ट में वितरण।
प्रशासन की सख्ती के बाद राशन वितरण में सुधार तो हुआ है, लेकिन उपभोक्ताओं से अभद्रता और कालाबाजारी पूरी तरह बंद नहीं हुई है। भले ही अफसरों की फौज राशन वितरण के लिए जिला प्रशासन ने लगा रखी हो, लेकिन इसके बाद भी गरीब राशन के लिए भटक रहे हैं। जिलाधिकारी की ओर से पिछले दिनों किए गए निरीक्षण के दौरान यह सच सामने आ गया है। इससे पहले भी ऐसे कई मामले प्रकाश में आए हैं। टूंडला में एक राशन की दुकान से खाद्यान्न बिकने जाते हुए पकड़ा गया। जांच में पूर्ति विभाग को डीलर के गोदाम पर काफी खाद्यान्न ऐसा भी मिला, जिसके वितरण पर पर्यवेक्षणीय अफसर की मुहर लग गई थी। शिकोहाबाद में भी मंडी के गेट पर 19 कुंतल सरकारी गेहूं पकड़ा था। जुलाई में एसडीएम सदर पंकज वर्मा के निर्देश पर चंद्रवार पुलिस चौकी पर कालाबाजारी को फतेहाबाद ले जाया जा रहा राशन पकड़ा गया था। कुछ दिन पूर्व एसडीएम शिकोहाबाद चंद्रभानु ने सिरसागंज क्षेत्र में एक मैजिक गाड़ी पकड़ी। इसमें करीब 19 कुंतल राशन का गेहूं चावल लदा हुआ था। इनमें मामलों में एफआइआर भी दर्ज हुई, लेकिन किसी भी पर्यवेक्षणीय अधिकारियों पर कोई कार्रवाई प्रस्तावित नहीं हुई।
-प्रमाण पत्र के नाम पर सुविधा शुल्क का खेल
यह तो मात्र वो उदाहरण हैं जो अफसरों ने पकड़े। इसके अलावा हर क्षेत्र में राशन डीलर की ओर से खाद्यान्न का गोलमाल किया जा रहा है। हर माह पर्यवेक्षणीय अफसर प्रमाण पत्र देते हैं पूरा राशन उनके सामने बांटा गया। सवाल यह है आखिर जब अफसर हर माह राशन का वितरण करा देते हैं तो कालाबाजारी के लिए राशन कहां से आता है?
-अफसर देते हैं घुमावदार जवाब
जिला पूर्ति अधिकारी राकेश कुमार पर्यवेक्षणीय अफसरों का बचाव करते हुए कहते हैं ज्यादातर पर्यवेक्षणीय अधिकारी अपने सामने ही राशन का वितरण कराते हैं। फिर राशन की कालाबाजारी कैसे होती है, इस सवाल पर वह सिर्फ इतना कहते हैं इस मामले की छानबीन कराई जाएगी।