मुआवजे की लड़ाई को बनाई संघर्ष समिति
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण की राह में किसान दीवार बन कर खड़े हो गए हैं। किसा
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण की राह में किसान दीवार बन कर खड़े हो गए हैं। किसानों में आक्रोश भू अधिग्रहण को लेकर सरकार द्वारा अपनाई जा रही नीति से है। किसानों का आरोप है सरकार तीन साल पुरानी कीमत पर बैनामा कराना चाह रही है, लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
रविवार को जलेसर रोड पर जिला कारागार के निकट हुई किसानों की पंचायत में लालपुर, पचवान, कुतुबपुर चनौरा सहित कई गांवों के किसान एकत्रित हुए। इन किसानों की जमीन मौजूदा हाईवे का चौड़ीकरण कर सिक्सलेन करने में जा रही हैं। पंचायत में मुख्य वक्ता के रूप में राम निवास यादव ने कहा कि सरकार को भूमि अधिग्रहण बिल 2013 के अनुसार ही किसानों को जमीन लेनी चाहिए। थान ¨सह यादव ने कहा सरकार तानाशाह की तरह व्यवहार कर रही है। किसानों को नोटिस भेजकर वर्ष 2012 की सर्किल रेट के हिसाब से जमीन की कीमत लेकर बैनामा करने को कहा जा रहा है।
उन्होंने मांग उठाई कि किसानों को मौजूदा कृषि भूमि की सर्किल रेट की 6 गुना और आबादी भूमि की चार गुना कीमत दी जाए। वहीं जिस जमीन पर पेड़ एवं नलकूप लगे हैं, उन्हें उसकी कीमत अलग से दी जाए। यदि कोई किसान भूमि हीन हो रहे हैं तो उनके परिवार के एक सदस्य का सरकारी नौकरी दी जाए। पंचायत में लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए एक संघर्ष समिति बनाने का निर्णय लिया गया। जिसमें थान ¨सह अध्यक्ष, प्रदीप पचौरी उपाध्यक्ष, रामगोपाल ¨सह कुशवाहा कोषाध्यक्ष, मनोज पचौरी महामंत्री एवं राजपाल संघटन मंत्री बनाए गए। यह समिति 7 अगस्त को एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपेगी। पंचायत में मनोज तिवारी, अनिल यादव, जितेंद्र तिवारी, धर्मेंद्र यादव, महेंद्र ¨सह, जगत पाल, राजू कुशवाहा आदि मौजूद रहे।