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दोपहर सघन चे¨कग, रात में बेफिक्री की चादर

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: पंजाब में आतंकी हमले के बाद हाई अलर्ट जारी होने के बाद सोमवार दोपहर पुलि

By Edited By: Published: Tue, 28 Jul 2015 08:41 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2015 08:41 PM (IST)
दोपहर सघन चे¨कग, रात में बेफिक्री की चादर

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: पंजाब में आतंकी हमले के बाद हाई अलर्ट जारी होने के बाद सोमवार दोपहर पुलिस ने चे¨कग अभियान चलाया लेकिन शाम ढलते ही पुलिस की मुस्तैदी खत्म हो गई। हाई अलर्ट के मद्देनजर रात दस बजे जागरण टीम ने जायजा लिया तो रेलवे स्टेशन, जिला अस्पताल समेत कई जगह पुलिस नजर ही न आई। लोग बेफिक्र आवाजाही कर रहे थे, उनके हाथों में बैग भी थे, मगर उन्हें न कोई रोकने वाला था और ना ही टोकने वाला।

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सोमवार सुबह पंजाब प्रांत के गुरदासपुर के दीनानगर में आतंकवादियों ने हमला बोला। हमले के बाद पूरे देश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया। इसी के साथ जिले की पुलिस अलर्ट हुई। थाना पुलिस दिनभर गश्त करती रही। सुहाग नगरी में दोपहर तीन से शाम पांच बजे तक सघन चे¨कग अभियान किया गया। मोटरसाइकिल से लेकर अन्य सभी वाहनों की चे¨कग की गई। सार्वजनिक स्थलों, मंदिर और मस्जिदों पर फोर्स तैनात कर दिया गया। मुख्य बाजारों में भी पुलिस की गश्त रही। संदिग्ध लोगों की तलाशी भी ली गई। रेलवे स्टेशन पर भी सघन चे¨कग के साथ डॉग स्क्वायड भी सक्रिय रहा। शाम होने के साथ ही पुलिस बेफिक्र हो गई। जागरण टीम ने रात्रि में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया तो कहीं भी पुलिस नजर नहीं आई।

जिला अस्पताल

समय रात करीब 10.20 बजे। जिला अस्पताल के मुख्य गेट के बाहर एक खोखे पर कुछ लोग चाय पी रहे थे। इमरजेंसी खुली हुई थी, जहां तमाम लोग खड़े थे। वार्डों में मरीज भर्ती थे। सुरक्षा के नाम पर यहां कुछ भी दिखाई नहीं दिया। कोई पुलिसकर्मी यहां सक्रिय नहीं दिखा, जबकि यहां पुलिस चौकी भी है। हर कोई आसानी से अंदर जा और आ रहा था।

रेलवे स्टेशन

रात करीब 10.40 बजे। रेलवे स्टेशन बु¨कग ¨वडो परिसर में अनेक यात्री मौजूद थे। कई चादर बिछाए सो रहे थे तो अनेक जाग भी रहे थे। उनके पास बैग व अन्य सामान भी था। यहां सुरक्षा के नाम पर कोई भी नहीं दिखा। कोई भी आसानी से कुछ भी ले जा सकता था। रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म पर आरपीएफ पुलिसकर्मी बैठे हुए थे। यहां यात्री भी थे। यात्री प्लेटफॉर्म पर बैग आदि सामान लटकाए इधर-उधर टहल रहे थे, लेकिन उनकी तलाशी आदि कोई नहीं ले रहा था। अनेक व्यक्ति तो ब्रैंच पर लेटे हुए थे। यहां बिजली न होने पर अंधेरा छाया हुआ था।

बस स्टैंड

रात करीब 10.55 बजे। बस स्टैंड का भी ऐसा ही कुछ हाल था। यहां मालभाड़ा वाले स्थल पर कॉर्टन रखे हुए थे। पूछताछ केंद्र के आसपास कई यात्री बैठे हुए थे तो अनेक नींद में थे। यहां की सुरक्षा भी भगवान भरोसे थी। यहां भी कोई पुलिसकर्मी तैनात नहीं मिला। इस तरह के हाई अलर्ट से क्या फायदा। जब भी दुस्साहसिक वारदातों पर हाई अलर्ट होता है तो उस समय सिर्फ औपचारिकता निभाईं जाती हैं।


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