पापाचरण छिपाने को आगम को बताने लगे हैं गलत
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : बालयोगी प्रज्ञाश्रमण 108 मुनिश्री अमित सागर महाराज के सानिध्य में 16
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : बालयोगी प्रज्ञाश्रमण 108 मुनिश्री अमित सागर महाराज के सानिध्य में 16 दिवसीय श्रीशांतिनाथ विधान का समारोह पूर्वक समापन हुआ। श्रीरत्नत्रय दिगंबर जैन मंदिर नसियाजी कोटला रोड पर 21 कुंडीय विश्वशांति महायज्ञ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मंदिर परिसर जयकारों से गूंजता रहा।
सुबह छह बजे भगवान पार्श्वनाथ भगवान, मुनि सुव्रतनाथ व जिनचौबीसी का पंचामृत अभिषेक हुआ। इस अवसर पर वृहद शांतिधारा का आयोजन किया गया। विधानाचार्य पांडेय मुनींद्र कुमार जैन द्वारा नित्य नियम पूजा कराई गई। भक्तों के निवेदन पर मुनिश्री उच्च आसन पर विराजमान हुए। भक्तों द्वारा 16 किलो गुलाब के फूलों से पुष्पवर्षा की गई। इस अवसर पर मंत्रों की गूंज एवं जयकारे गूंजे। डा.अमित जैन, रीनू जैन, पुष्पा जैन, वसंत कुमार जैन, गुलाब चंद्र जैन, रतन जैन, मुकेश जैन, नितिन जैन, संदीप जैन, आशा जैन, राजेंद्र जैन, शीतल जैन, प्रवीन जैन ने पुष्प वर्षा की। संचालन सुनील जैन एवं वैद्य राजेश जैन सरल ने किया।
भक्तजनों को संदेश देते हुए मुनिश्री ने कहा आज हम बहुत ज्यादा आलसी एवं प्रमादी हो गए हैं। लोभी एवं कंजूस भी हो गए हैं। आगम के हिसाब से धार्मिक क्रियाओं को भी नहीं करते, बल्कि पापाचरण को छिपाने के लिए आगम को गलत बताने लगे हैं। सत्य को गलत बताने से भी भय नहीं लगता। उन्होंने कहा यज्ञ में जो आहूतियां दी जाती है, उसमें हर आहूति के साथ गलत व्यवहार एवं बुरे कर्मों को छोड़ने का संकल्प लेना चाहिए, तभी सभी का कल्याण हो सकता है। विधान में बैठने वाले पुण्यार्जक 52 परिवारों के साथ टूंडला, फीरोजाबाद, टूंडला, शिकोहाबाद, मैनपुरी, इटावा, जयपुरी एवं सोनीपत के जैन बंधुओं ने भी हवन में आहूति दी। मुनिश्री अमित सागर महाराज के चातुर्मास के लिए जैन समाज द्वारा 108 श्रीफल भेंट किए गए। विधान आयोजन में श्रीधर्म श्रुत शोध संस्थान, महिला जैन मिलन, वर्धमान महिला मंडल, शांतिनाथ धार्मिक संगठन, गुरु सेवा संगठन, अखिल भारतीय गुरुवा सेवा संगठन एवं इंद्रा कॉलोनी परिवार का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर नितिन जैन, बसंत कुमार जैन, गुलाब चंद्र, मुकेश जैन, अनूप जैन, राजकपूर जैन, आलोक जैन, रतन जैन, दिनेश, अनिल, धीरेंद्र जैन, संदीप, शगुन जैन, पीयूष का योगदान रहा।