हद नगर निगम की और हालात गांव जैसै
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: कहने को दतौजी नगर निगम की हद में है। नगर पालिका में यह वार्ड नंबर छह के
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: कहने को दतौजी नगर निगम की हद में है। नगर पालिका में यह वार्ड नंबर छह के अधीन था। फिर भी दतौजी में अब भी सब कुछ गांव जैसा ही है। यहां के निवासी पेयजल, विद्युत, खड़ंजे और गंदगी की समस्या से जूझ रहे हैं। लोग बड़े अफसोस के साथ कहते हैं कि नगर निगम का हिस्सा होने के नाम पर उन्हें सिर्फ टैक्स भरने की जिम्मेदारी मिली है।
शहर के लाइनपार क्षेत्र में स्थित दतौजी खुर्द और दतौजी कलां को पहले नगर पालिका और अब नगर निगम में आए हुए चार वर्ष का समय बीत चुका है। इसके बावजूद यहां के हालात नहीं बदले हैं। एक हजार से अधिक परिवार वाले इस इलाके में पानी की एक टंकी तक नहीं है। जलापूर्ति के लिए दो नलकूप लगाए गए हैं। जो कि आबादी और क्षेत्रफल को देखते हुए नाकाफी हैं। आंतरिक एवं ऊंचाई वाले इलाके में पानी पहुंचता ही नहीं है। जिससे दर्जनों परिवार बूंद- बूंद पानी को मोहताज हैं। जहां पानी आता है उस क्षेत्र के लोग भी सुबह शाम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि विद्युत आपूर्ति बहाल रहे। क्योंकि बिजली न आने पर नलकूप नहीं चल पाता, जिससे पानी की आपूर्ति भी रुक जाती है। ऐसे में पूरे गांव में पानी को लेकर त्राहि त्राहि मच जाती है। अधिकांश हैंडपंप भी खराब हो चुके हैं। बात अगर गलियों की करें तो उनकी हालत पगडंडियों जैसी है। जिन पर जरा भी असावधानी से पैर रखने पर चोटिल होना पक्का है। दतौजी खुर्द को दतौजी कला से जोड़ने वाला मार्ग तो किसी पहाड़ी रास्ते जैसा है। कई गलियां कीचड़ युक्त हैं। कुछ ऐसी हैं जिनमें गली और नाली का फर्क करना मुश्किल हो जाता है। दतौजी के आंतरिक हिस्से में साफ सफाई की भी कोई व्यवस्था नहीं है। नालियां चौक हैं और गलियों की सफाई लोग स्वयं करते हैं। कुछ गलियों में विद्युतीकरण भी नहीं हुआ है।
आधे गांव में पानी नहीं आता। एक हैंडपंप था वो भी अब खराब हो गया है। बहू, बेटी दूसरे के घरों से पानी लेने जाती हैं, तो उन्हें भी चार बातें सुनने को मिलती हैं। गलियां भी ऊबड़ खाबड़ पड़ी हुई हैं। जिन पर चलना मुश्किल है।
प्रेमवती, दतौजी खुर्द
बरसात में गलियां दलदल बन जाती है। सफाई करने कभी कोई कर्मचारी नहीं आता। घर में चार दिन बाद शादी समारोह का आयोजन है और पानी की भारी किल्लत ¨चता में डाले हुए है। गलियां ऐसी हैं कि टैंकर भी नहीं मंगा सकते।
धाराजीत, दतौजी खुर्द
गलियां बदहाल हैं, जिन पर पैदल चलना भी दूभर है। सफाईकर्मी कभी देखा नहीं। लोग खुद सफाई करते हैं। त्योहारों पर भी हमने गांव में सफाई होती नहीं देखी। हां टैक्स जरूर भरना पड़ रहा है, लेकिन सुविधाएं कुछ नहीं हैं। विद्याराम, दतौजी कलां
पानी की काफी किल्लत है। जरूरतें पूरी करने के लिए पानी दूर से लाना पड़ता है। बिजली विभाग ने कनेक्शन तो दिए हैं, लेकिन न तो खंभे गढ़े हैं और न तार खींचे गए। मीटर भी जब से लगे हैं, तब से खराब पड़े हैं।
भू देवी, दतौजी कलां।