अस्थमा फुला रहा युवाओं की सांस
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : अस्थमा 'दम' फुला रहा है। फिजां में आरएसपीएम (सांस के साथ शरीर में प्रव
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : अस्थमा 'दम' फुला रहा है। फिजां में आरएसपीएम (सांस के साथ शरीर में प्रवेश करने वाले तत्व) की मात्रा बढ़ती जा रही है। औसत 60 होना चाहिए, जो आज 250 प्रति घन मीटर में पहुंच गया है, ऐसे में लोग सांस के मरीज बन रहे हैं। हर रोज प्रमुख फिजीशियन के पास दो से तीन मरीज पहुंच रहे हैं। युवाओं में यह रोग तेजी से बढ़ रहा है। वे इसकी नियमित दवा खाने के आदी हो रहे हैं।
हर राह पर धूल से लोगों को सामना करना पड़ता है। शहर के अंदर हाईवे पर भी अक्सर धूल उड़ती रहती है। ऐसे में युवाओं में सांस का मर्ज बढ़ता जा रहा है। सामान्यत: यह रोग किसी भी उम्र के मरीज को हो सकता है, लेकिन आजकल युवाओं में यह ज्यादा पाया जा रहा है। कुछ युवाओं में अस्थमा का दर्द आनुवांशिक रूप से पहुंच रहा है।
-एलर्जी वाली चीजों से बचें
शहर के एक प्रमुख चिकित्सक के पास में पहुंचे मरीज की जांच की तो पता चला उसे परफ्यूम लगाने के बाद अस्थमा की शिकायत हो जाती है। चिकित्सक ने उसे परफ्यूम न लगाने की सलाह दी। ऐसे ही एक मरीज का घर में पुताई के दौरान मर्ज बढ़ जाता है। जांच में पता चला, उसे पेंट की महक से एलर्जी थी।
-एसी से तुरंत धूप में जाने से बचें
अगर आपको दमा का मर्ज है तो एसी से निकल कर तुरंत धूप में जाने से भी परहेज करें। एकाएक सर्द से गर्म तापमान पर जाने से फेफड़ों पर प्रभाव पड़ता है। ऐसे में कई बार अस्थमा का मर्ज उखड़ सकता है।
--यह करें बचाव--
धूल उड़ रही तो उस क्षेत्र में जाने से बचें।
धुएं से बचाव रखें।
अगर किसी महक से एलर्जी है तो उससे दूरी बनाए रखें।
--यह हैं लक्षण-
चलते-चलते सांस फूलना।
खांसी होने लगना।
बार-बार जुकाम होना एवं छींक आना।
--------चिकित्सकों की बात--
'आज के दौर में प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। हम खुद हर रोज पांच से छह मरीज देखते हैं। अस्थमा अमूमन खत्म नहीं होता है, इसकी दवा लंबी अवधि तक लेनी पड़ती है। कुछ मरीजों में यह अनुवांशिक पाया जाता है।'
-डॉ.एसपीएस चौहान
वरिष्ठ फिजीशियन
यह मर्ज सामान्यतया किसी उम्र में हो जाता है, लेकिन आजकल युवाओं में ज्यादा पाया जा रहा है। वातावरण में धूल एवं धुआं छाया रहता है। हर रोज जिला अस्पताल की ओपीडी में अस्थमा के चार से पांच मरीज आते हैं।'
-डॉ.मनोज कुमार
फिजीशियन
जिला अस्पताल