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जान पर बन आती है मरीजों की

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : ड्रग विभाग के अफसरों को शायद फुर्सत ही नहीं। वक्त भी मिलता है तो वह

By Edited By: Published: Mon, 27 Apr 2015 09:46 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2015 09:46 PM (IST)
जान पर बन आती है मरीजों की

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : ड्रग विभाग के अफसरों को शायद फुर्सत ही नहीं। वक्त भी मिलता है तो वह नगर के बड़े-बड़े मेडिकल स्टोर की जांच में गुजर जाता है। दूसरी तरफ निर्धन बस्तियों एवं देहात में मेडिकल के नाम पर मरीजों को मर्ज तक बांटा जा रहा है। फरवरी माह में बुखार से पीड़ित एक मरीज ऐसी ही लापरवाही की सजा भुगत रहा है। इस मामले में जिला उपभोक्ता संरक्षण समिति द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी से शिकायत की गई है।

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मामला नारखी के महा¨सहपुर निवासी मुन्नेश कुमार पुत्र गंगाराम से जुड़ा हुआ है। एक फरवरी को मुन्नेश को बुखार आया था। उन्होंने गांव के नजदीक स्थित एक मेडिकल स्टोर से दवा ली। इस दवा का बिल भी नहीं दिया गया। बताया जाता है उक्त स्टोर संचालक मरीजों का इलाज भी करता है। उसका अपना क्लीनिक भी चलता है। मेडिकल स्टोर संचालक ने मुन्नेश कुमार को दवा देने के साथ इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगाने के कुछ देर बाद ही मुन्नेश के पेट में दर्द उठा तो मुन्नेश को परिजन एंबुलेंस से फीरोजाबाद लाए। यहां से आगरा राम रघु हॉस्पीटल में ले गए। जहां चिकित्सकों ने अल्ट्रासाउंड एवं एक्स-रे कराया तो पता चला मरीज की आंत खराब हो गई है इस मरीज को मानसिक चिकित्सालय जयपुर सवाई में भर्ती कराया गया। मरीज सही होकर लौटा तो उसने मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ शिकायत की। इस मामले में कहीं कोई सुनवाई न होने पर मरीज ने जिला उपभोक्ता संरक्षण समिति की शरण ली। समिति अध्यक्ष निर्मल कुमार जैन ने इस मामले की शिकायत मुख्य चिकित्साधिकारी फीरोजाबाद से करते हुए कहा है कि मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा बुखार उतारने के लिए एलेक्सिन, सेप्टास सहित कई गोली दी। वहीं टैक्सिन इंजेक्शन लगाया। इस मामले की जांच कराने की मांग की है।

दैनिक जागरण ने भी किया था खुलासा : (फोटो नंबर 38)

पिछले दिनों दैनिक जागरण ने भी स्वस्थ समाज अभियान के तहत नगर में मेडिकल स्टोर पर इस तरह से बोतल चढ़ाने एवं इलाज होने का खुलासा किया था। कई बगैर नाम के मेडिकल स्टोर संचालित होने की तरफ भी ध्यान खींचा था, लेकिन स्वास्थ्य महकमे के अफसरों ने अभी तक इस तरफ ध्यान नहीं दिया है।

अफसर कहिन

'30 अप्रैल तक का वक्त पंजीकरण के लिए दिया है। अगर कोई मेडिकल पर बगैर डिग्री के उपचार कर रहा है तो इसकी जांच कराएंगे। किसी मरीज के बीमार होने की कोई शिकायत हमारे पास अभी तक नहीं आई है।'

-डा.एनएल यादव

मुख्य चिकित्साधिकारी

फीरोजाबाद ।


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