कॉपियों ने उगला नकल का सच
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : रसायन विज्ञान की परीक्षा में मदनपुर के एक स्कूल में दो कक्षों में कॉपिय
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : रसायन विज्ञान की परीक्षा में मदनपुर के एक स्कूल में दो कक्षों में कॉपियों में एक से जवाब देख अधिकारी चौंक गए। कुछ ही देर में यहां पर जोनल मजिस्ट्रेट, सेक्टर मजिस्ट्रेट के साथ में कई उड़नदस्ते पहुंच गए। इसके बाद जब छात्रों की एक-एक कॉपी का मिलान किया गया तो पहले के चार सवालों के जवाब ने कक्षों में बोल-बोलकर कराई जाने वाली नकल की चुगली कर दी। कक्ष निरीक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं।
मदनपुर ब्लाक के स्वामी विवेकानंद मैमोरियल अकेडमी बलीपुर में यूपी बोर्ड इंटर रसायन विज्ञान द्वितीय प्रश्नपत्र की परीक्षा चल रही थी। वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा देव आनंद एवं एसडीएम शिकोहाबाद र¨वद्र ¨सह ने यहां पर छापा मारा तो कक्ष संख्या दो एवं तीन में हलचल देख शक गहरा गया। जब कॉपियां मिलाई तो पहले के चार सवालों के एक ही जवाब थे। भाषा में जरा भी परिवर्तन नहीं था। कई छात्रों की कॉपियों में एक सी भाषा देख कर जब केंद्र पर तैनात पर्यवेक्षक को बुलाया गया तो पता चला केंद्र पर्यवेक्षक आए ही नहीं हैं। सेक्टर मजिस्ट्रेट जिला कार्यक्रम अधिकारी आभा को भी उड़नदस्तों ने केंद्र पर बुलवा लिया। इसके बाद में सभी की कॉपियों का मिलान किया गया। कक्ष में बोल-बोलकर सामूहिक नकल की पुष्टि होने के बाद में केंद्र व्यवस्थापक को बुलाकर परीक्षा कक्ष में तैनात विनोद कुमार एवं उपेंद्र कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए। वहीं इस पूरे मामले की रिपोर्ट एसडीएम द्वारा जिला विद्यालय निरीक्षक को भेजी जा रही है। ध्यान रहे, सोमवार को इसी परीक्षा केंद्र पर राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य केके यादव के उड़नदस्ते ने एक लिपिक एवं शिक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए थे।
निरस्त हो सकती है इन कक्षों की परीक्षा
इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक रवींद्र ¨सह ने कहा एसडीएम शिकोहाबाद ने दो कक्षों मे सामूहिक नकल के संबंध में बताया है। उनकी रिपोर्ट आने का इंतजार है। अगर वह दो कक्षों की परीक्षाओं को निरस्त करने की भी संस्तुति करते हैं तो परीक्षा निरस्त कर पुन: कराई जाएगी।
शिक्षक से बन गया चपरासी, होगा मुकदमा
वित्त एवं लेखाधिकारी देव आनंद ने स्वामी विवेकानंद स्कूल में निरीक्षण के दौरान एक कक्ष निरीक्षक का कार्ड को जब देखा तो वह चौंक गए। सन 2015 की परीक्षा में कार्ड में चपरासी अंकित था। वहीं इस कार्ड के ही पीछे सन 2013 की परीक्षा का कार्ड था। इसमें कक्ष निरीक्षक का पदनाम सहायक अध्यापक लिखा हुआ था। उन्होने कहा चपरासी से शिक्षक तो बनते हैं तुम शिक्षक से चपरासी कैसे बन गए। इस पर वह कोई जवाब नहीं दे सका। उक्त कक्ष निरीक्षक प्रदीप कुमार पर मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।
केंद्र पर्यवेक्षकों की गैरहाजिरी की खबर तक नहीं
पहले दिन केंद्रों पर केंद्र पर्यवेक्षकों की हाजिरी पर विभाग जितना सख्त था, शायद अब विभाग की भी नजर इस पर नहीं है। बलीपुर में केंद्र पर कक्ष पर्यवेक्षक नहीं थे तो एका के जोधपुर में भी केंद्र पर्यवेक्षक यहां के स्थान पर कहीं और ड्यूटी कर रहे थे। ऐसे में सवाल यह भी खड़ा है क्या सभी परीक्षा केंद्रों पर यही हाल है।