खेत में फसल, आसमान पर नजर
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : शनिवार रात से हुई बारिश ने अन्नदाता की मुश्किल बढ़ा दी है। उसकी नजर आसम
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : शनिवार रात से हुई बारिश ने अन्नदाता की मुश्किल बढ़ा दी है। उसकी नजर आसमान पर टिकी हुई हैं। जहां काले काले बादल उसकी धड़कन बढ़ रहे हैं। मौसम विभाग की भविष्यवाणी भी डरा रही है। बारिश से जहां सरसों और आलू की फसल को नुकसान पहुंचने की संभावना है वहीं तेज हवा के कारण सैंकड़ों बीघा गेहूं की फसल खेत में बिछ गई है।
आलू की बंपर पैदावार की खुशी मना रहे जिले के किसान अब परेशान हैं। शनिवार की देर रात से शुरू हुई बेमौसम बरसात से उन्हें अपने अरमान भीगे हुए नजर आ रहे हैं। रात 10 बजे शुरू हुई फुहारों ने बाद में पूरे जिले में बरसात का रूप ले लिया। जो रविवार को दोपहर तक रुक रुक कर जारी रहे। जिले में इस समय आलू की खोदाई का काम जोर शोर से चल रहा है। सैंकड़ों टन आलू खेत में खुदा पड़ा है। जो इस बारिश में भीग गया। किसानों को आलू सुरक्षित रखने का मौका भी नहीं मिला। वहीं हजारों हैक्टेयर क्षेत्र में खोदाई का काम बाकी है।
गेहूं उत्पादक किसान भी परेशानी में आ गए हैं। जिन किसानों ने कुछ दिन पहले ही पानी लगाया था, उनकी फसल बारिश और तेज हवा के कारण खेत में बिछ गई है। जिससे गेहूं की उत्पादन मात्रा एवं गुणवत्ता कम होने की आशंका जताई जा रही है। बरसात से सबसे अधिक नुकसान सरसों की फसल को हुआ है। इधर मौसम विभाग भविष्यवाणी कर रहा है कि सोमवार को भी बरसात हो सकती है। किसानों का कहना है कि यदि ऐसा हुआ तो काफी नुकसान होगा।
आलू खोदाई पर पड़ेगा असर
बरसात के कारण आलू की खोदाई पर काफी असर पड़ेगा। यदि अब बारिश न भी हो तो भी खेत गीला होने के कारण खोदाई का काम तीन चार दिन तक नहीं हो सकेगा। इसके बाद होली का त्योहार होने के कारण मजदूरों का मिलना भी मुश्किल होगा।
अभी जितनी बरसात हुई है, उससे गेहूं की फसल को कोई नुकसान नहीं है। आलू के खेत में जहां पानी भर गया है केवल वहीं नुकसान होने की संभावना है।
अखिलेश पांडे
जिला कृषि अधिकारी।
बरसात से केवल सरसों की फसल को नुकसान है। गेहूं के लिए ये बारिश फायदेमंद है। किसानों को चाहिए कि जो आलू खेत में खुदा पड़ा है उसे तिरपाल आदि से ढक दें। जिससे यदि सोमवार को बारिश हो तो आलू भीगे न। इस बरसात के कारण आलू की खोदाई एवं गेहूं की कटाई थोड़ा पिछड़ सकती है।
डा. ओमकार ¨सह यादव
प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र, हजरतपुर।