विद्युत विभाग और पुलिस की जुगलबंदी में फंसे गरीब
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : जिले में चल रहा विद्युत चेकिंग अभियान विद्युत और पुलिसकर्मियों के लिए क
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : जिले में चल रहा विद्युत चेकिंग अभियान विद्युत और पुलिसकर्मियों के लिए कमाई का जरिया बन गया है। विद्युत चोरी की एफआइआर दर्ज करने और गिरफ्तारी का डर दिखाकर लोगों से अवैध वसूली की जा रही है। गांव दतौजी में ऐसे एक मामले का खुलासा होने के बावजूद न तो विद्युतकर्मियों का रवैया सुधरा और न पुलिसकर्मियों का रुख नरम हुआ।
नगर निगम में शामिल हो चुके गांव दतौजी के 14 लोगों पर क्षेत्रीय अवर अभियंता द्वारा बिजली चोरी करने के आरोप में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। जबकि ग्रामीणों का आरोप है कि कनेक्शन खुद विद्युत कर्मियों ने दिए। उस समय आश्वासन दिया गया कि कनेक्शन की औपचारिकताएं विभाग खुद पूरी करा लेगा। इसके बाद ग्रामीणों से सुविधा शुल्क की मांग की जाने लगी। जो पूरी न हुई तो उनके खिलाफ 8 जनवरी को थाने में तहरीर दे दी गई। इस बात की जानकारी ग्रामीणों को हुई तो उनके होश उड़ गए। जिन लोगों के खिलाफ तहरीर दी गई उनके परिवारों में सन्नाटा पसर गया। नगर विधायक मनीष असीजा ने गांव का दौरा करने के बाद डीएम को स्थिति से अवगत कराया। उम्मीद थी कि मामला डीएम तक पहुंचने से राहत मिलेगी, लेकिन हुआ उसका उल्टा। तीन दिन तक थाने में पड़ी रही तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया। इसके साथ ही वसूली के लिए लोगों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। इससे बचने को पीड़ित परिवार पिछले सप्ताह डीएम से मिले। तब आश्वासन मिला किसी की गिरफ्तारी नहीं होगी और सभी को कनेक्शन दे दिए जाएंगे, लेकिन अभी तक इन परिवारों को कनेक्शन नहीं दिए गए हैं। वहीं थाना लाइनपार में तैनात पुलिसकर्मी प्रतिदिन गांव में पहुंचकर लोगों का धमका रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिसकर्मी थाने आकर समझौता न करने पर गिरफ्तार करने की धमकी दे रहे हैं। अपनी व्यथा बताने सभी लोग बुधवार को पुन: डीएम विजय किरन आनंद से मिले। डीएम ने उन्हें आश्वास्त किया है कि किसी की गिरफ्तारी नहीं होगी। एफआइआर खत्म कर कनेक्शन भी दिलाए जाएंगे।
मुफ्त बिजली बरकरार रखने की मांग
गांव साढ़ूपुर की हरिजन बस्ती के ग्रामीण मुफ्त बिजली की मांग को लेकर जिलाधिकारी के पास पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि 30 दिसंबर 1981 को हुए नरसंहार में गांव के 11 लोगों की हत्या हो गई थी। इस घटना के बाद गांव केंद्रीय गृहमंत्री ज्ञानी जैल ¨सह, मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप ¨सह एवं नेता विपक्ष अटल बिहारी वाजपेयी गांव में आए। उस समय तमाम तरह की राहत देने के साथ ही आजीवन मुफ्त बिजली देने के आश्वासन दिया गया था। तब से बस्ती के लोग मुफ्त में बिजली का उपभोग कर रहे हैं, लेकिन अब विद्युत विभाग बिजली का खर्च मांग रहा है। ग्रामीणों ने डीएम से मांग की है कि वे उन्हें 34 साल पहले शासन के आदेश की प्रति उपलब्ध कराने के साथ ही आदेश बहाल रखें। मांग करने वालों में कामता प्रसाद, प्रेमबाबू, रामनरेश, राम स्वरूप, मुन्नालाल, रामबाबू, ज्ञान ¨सह, रवि कुमार, झम्मन ¨सह, श्याम ¨सह, नाहर ¨सह, जैतपाल ¨सह, मंगल ¨सह, डोरीलाल, चंद्र प्रकाश, मंगल ¨सह आदि शामिल रहे।