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राशन कार्ड पर एंट्री करेगी सच-झूठ का फैसला

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: राशन डीलर की मनमानी और उस पर पूर्ति विभाग के अधिकारियों की लीपापोती अब न

By Edited By: Published: Fri, 24 Oct 2014 06:35 PM (IST)Updated: Fri, 24 Oct 2014 06:35 PM (IST)
राशन कार्ड पर एंट्री करेगी सच-झूठ का फैसला

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: राशन डीलर की मनमानी और उस पर पूर्ति विभाग के अधिकारियों की लीपापोती अब नहीं चल सकेगी। शासन के नए नियमों का पालन हुआ तो सच झूठ का फैसला अब राशन कार्डो की एंट्री से होगा। शासन ने ये निर्णय हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद किया है।

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शासन प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद सार्वजनिक वितरण प्रणाली में राशन की कालाबाजारी रुक नहीं रही है। गरीब कार्ड धारकों के लिए आने वाला गेहूं, चावल व केरोसिन खुले बाजार में बिक रहा है। बात अगर जिले की करें तो जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने स्थिति में सुधार के लिए पिछले चार महीनों से अभियान छेड़ रखा है। विशेष वितरण तिथियों को शत प्रतिशत राशन वितरण सुनिश्चित कराने के लिए उन्होंने सौ से अधिक वरिष्ठ अधिकारी तैनात किए हैं। बावजूद इसके कालाबाजारी हो रही है। रविवार को थाना उत्तर क्षेत्र में एसडीएम सदर विजय कुमार द्वारा पकड़ा गया 132 बोरी चावल एवं सोमवार की रात नसीरपुर थाना क्षेत्र में पूर्ति निरीक्षक दिग्विजय सिंह द्वारा एक व्यक्ति को चावल की दो बोरियों के साथ पकड़ा जाना इस बात की गवाही कर रहा है।

जिलाधिकारी एवं पूर्ति विभाग में अब भी दर्जनों शिकायतें लंबित पड़ी हैं। जिनमें कार्डधारकों द्वारा डीलर पर राशन न देने, अभद्रता करने जैसे आरोप लगाए गए हैं। शिकायतों की जांच के दौरान अधिकारियों द्वारा डीलर और कार्डधारकों से लिए गए बयानों के आधार पर गुणदोष का फैसला किया जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अब कार्डधारकों से केवल बयान ही नहीं लिए जाएंगे, बल्कि राशन कार्ड पर हो रही एंट्री से उनके बयानों की पुष्टि की जाएगी। प्रमुख सचिव खाद्य बीएम मीना ने जारी निर्देश में स्पष्ट किया है कि कार्ड पर दर्ज प्रविष्टि का मिलान राशन डीलर के वितरण रजिस्टर पर दर्ज प्रविष्टि से भी करना होगा। वहीं हवा में राशन का वितरण करने वाले डीलरों की मुश्किल बढ़ेगी। इस संबंध में जिला पूर्ति अधिकारी शरद कुमार स्वर्ण कार का कहना है कि जांच के समय जरूरत पड़ने पर कार्ड पर एंट्री देखी जाती है। यदि शासन ने इसे अनिवार्य कर दिया है, तो निर्देशों का पालन किया जाएगा।

अभी तक जांच से दूर थे ग्राहक

फीरोजाबाद: आपूर्ति विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का फायदा भी राशन कार्ड धारक खुले आम उठाते थे। जांच अधिकारी से सेटिंग के चलते वे उन्हीं फर्जी कार्ड धारकों के बयान दर्ज करा देते थे। जो विक्रेता के करीबी या रिश्तेदार होने के कारण कार्ड भी डीलर के कब्जे में ही रहते थे, परंतु अब जांच अधिकारी को वितरण रजिस्टर में दर्ज एंट्री का कार्ड पर दर्ज एंट्री से मिलान कर सत्यापन भी करना होगा।


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