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लाखों खर्च के बाद भी स्कूलों में बच्चे प्यासे

By Edited By: Published: Tue, 23 Sep 2014 07:38 PM (IST)Updated: Tue, 23 Sep 2014 07:38 PM (IST)
लाखों खर्च के बाद भी स्कूलों में बच्चे प्यासे

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : स्कूलों में बच्चे प्यासे हैं। कहीं पर हैंडपंपों पर झूलते हुए ही दिन कट जाता है। यह हाल तब है, जब यूपी सरकार ने सालों पहले बच्चों के लिए पानी की व्यवस्था पर कराड़ों रुपए खर्च कर दिए। स्कूलों में पानी की टंकियां रखवाई गई। पाइप लाइन की व्यवस्था भी की, ताकि बच्चों को हैंडपंप पर न झूलना पड़े, लेकिन पानी के लिए खर्च किए गए लाखों रुपए पानी में बह गए। टंकियां टूटी हैं तो टोंटियां सूखी। अब जिला प्रशासन इसको लेकर गंभीर है तथा सालों पहले ओवर हैड टैंक निर्माण करने वाली संस्था को नोटिस भेजा गया है।

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फीरोजाबाद में करीब 850 स्कूलों में ओवर हैड टैंक लगाए गए थे। एक-एक ओवर हैड टैंक पर करीब 12000 रुपए का खर्च आया था। रसीदपुर कनैटा स्थित स्कूल पर रखे हुए ओवर हैड टैंक छत ही पिछले कई दिनों से नहीं है। यहां पर टंकी के लिए हैंडपंप से जाने वाली पाइप लाइन नजर नहीं आती है। यही हाल फीरोजाबाद में कई स्कूलों में बनाए गए ओवर हैड टैंक का है। इस पर अब प्रशासन ने ध्यान दिया है तथा संस्था को नोटिस जारी किया जा रहा है। डीएम खुद संस्था को नोटिस जारी कर इनकी मरम्मत के निर्देश दे रहे हैं।

कानपुर की संस्था ने बनाए थे ओंवर हैड टैंक

फीरोजाबाद में कानपुर की संस्था द्वारा ओवर हैड टैंक बनाए गए थे। सत्र 2008-09 एवं 2007-08 में उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम द्वारा बनाए गए ओवर हैड टैंक अधिकांश जगह फेल हो गए हैं। किसी भी स्कूल में टोंटी से पानी आता नहीं दिखाई देता है।

तत्कालीन अफसरों ने नहीं दिया ध्यान

ओवर हैड टैंक बनाए जाने के कुछ वर्ष बाद ही फेल होने पर दैनिक जागरण ने भी उस वक्त प्रशासन एवं शिक्षा विभाग का ध्यान खींचा था, लेकिन इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। अगर उस वक्त तत्कालीन अफसर इस तरफ ध्यान देते तो शायद आज यह स्थिति नहीं आती।

चुनाव में खर्च हुआ था प्रशासन का धन

विधानसभा चुनाव में स्कूलों में पानी की व्यवस्था के लिए ओवर हैड टैंक को सुधारने के निर्देश दिए गए। तत्कालीन अफसरों की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है वर्ष भर बच्चे स्कूलों में पीने के पानी के लिए परेशान रहे, लेकिन अफसरों को ध्यान नहीं आया। जब चुनाव आयोग ने सख्ती की तो अन्य मदों के धन से इन पर रुपए खर्च किया, लेकिन इसके बाद भी यह ओवर हैड टैंक आज भी बंद पड़े हैं।


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