जनता पर सितम, सरकार पर रहम
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: दस हजार रुपया भी बाकी होने पर जनता के घरों की बिजली काटने में जरा भी देर नहीं की जा रही है। दूसरी तरफ 'सरकार' के घर में उधारी की बिजली जल रही है। उधारी भी थोड़ी-बहुत नहीं है, लाखों एवं करोड़ों रुपये में। एक-एक विभाग पर लाखों रुपये का भुगतान बाकी, लेकिन इन्हें केवल नोटिस भेजा जा रहा है। जनता पर सितम और सरकार पर रहम का सिद्धांत लागू है। इनकी बिजली नहीं काटी जा रही क्योंकि भुगतान सरकारी स्तर से होता है।
शुरुआत शहर से ही करते हैं, जिला अस्पताल पर ही 40 लाख रुपये के करीब बकाया है। जिला जेल पर भी विभाग का 70 लाख रुपये से ज्यादा बकाया चल रहा है। देहात क्षेत्र में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में उधारी की बिजली से पंखे चल रहे हैं। संस्थान पर नौ लाख रुपये के करीब बाकी है। वहीं लोक निर्माण विभाग के साथ में आरईएस पर भी बिजली विभाग के लाखों रुपये बाकी हैं। यह हाल तब है जब मार्च में इन विभागों के द्वारा भुगतान किया गया था।
स्कूलों पर करोड़ों रुपया बकाया
देहात क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों पर ही सवा करोड़ रुपये के करीब बिजली विभाग का बकाया है। इस संबंध में कई बार विभाग ने पत्र भी भेजे हैं। वहीं शिकोहाबाद डिवीजन का भी डेढ़ करोड़ रुपये से भी ज्यादा सरकारी स्कूलों पर बकाया चल रहा है।
शासन में चल रही है बजट की बात : एसई
अधीक्षण अभियंता वाईपी सिंह कहते हैं सरकारी विभागों से धन की मांग की जा रही है। सरकारी स्तर पर इनका बजट जारी होता है,ं शासन में बात चल रही है। इन विभागों का बजट लखनऊ से जारी होने पर जल्द भुगतान होगा।
सरकारी दफ्तरों की भी हो जांच
जनता का कहना है कि जनता के यहां जांच हो रही है। उपभोक्ताओं के घरों में केबल के एक-एक फॉल्ट की जांच की जा रही है तो फिर सरकारी दफ्तरों को क्यों छोड़ा जा रहा है। जनता की मांग है सरकारी दफ्तरों की भी वैसी ही जांच की जानी चाहिए जैसा आम जनता के साथ किया जा रहा है।