नोटा में सुनाई देगी नाराजगी की गूंज
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : बीप की आवाज भी गूंजेगी, लेकिन आप किसी प्रत्याशी के हाथ मजबूत नहीं करेंगें, बल्कि सभी प्रत्याशियों को अस्वीकार करेंगे। जी हां.. इस बार इवोम में नोटा का विकल्प भी है, जो आपको बताने का मौका देगा चुनावी अखाड़े में खड़े प्रत्याशियों में से हमें कोई भी प्रत्याशी पसंद नहीं है। देखना यह है लोकसभा के अखाड़े में पहली बार नोटा कितनी रफ्तार से दौड़ लगाएगा।
एक तरफ जहां प्रत्याशियों के बीच में एक-एक वोट के लिए जंग है, तो दूसरी तरफ 'नोटा' की आवाज भी मतदान केंद्रों पर गूंजने के लिए बेकरार है। अब देखना यह है नोटा की आवाज किस हद तक मतदान केंद्रों पर गूंजेगी। हालांकि जिस तरह से बहिष्कार के स्वर मुखर हो रहे हैं, उससे लगता है अगर इन मतदाताओं ने नोटा का विकल्प अपनाया तो प्रत्याशियों के माथे पर बल पड़ सकते हैं। वहीं बहिष्कार से अच्छा है नोटा के जरिए अपनी आवाज को ऊपर तक पहुंचाया जाए। वैसे भी अगर आपको राजनैतिक दल एवं नेताओं से नाराजगी है तो अपनी बात को नोटा के जरिए उठाएं। इससे इनकी आवाज चुनाव आयोग में दर्ज भी होगी। नोटा के प्रयोग को लेकर कई वोटर उत्सुक हैं। ऐसे में देखना यह है पहली बार नोटा की दौड़ कहां तक होती है
बीते चुनावों में मायूस होकर लौटे थे तमाम
पिछले चुनावों में भी राइट टू रिजेक्ट चुनाव आयोग ने दिया था लेकिन बूथों पर यह फॉर्म नहीं भरवाए गए। शहर के एक मतदान केंद्र पर अपने वोट का प्रयोग करने गए एक युवा को आज भी याद है आधे घंटे तक बहस करने के बाद मतदान अधिकारी एक ही रट लगाए रहा था हम पर फॉर्म भरवाने का टाइम नहीं है। अफसरों को भी फोन मिलाए थे, लेकिन कोई नहीं पहुंचा। इस बार फॉर्म की बाधा नहीं होगी।