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बोर्ड रिजल्ट: सालाना मेहनत बनाम तीन मिनट की मशक्कत

By Edited By: Published: Tue, 15 Apr 2014 09:41 PM (IST)Updated: Tue, 15 Apr 2014 09:41 PM (IST)
बोर्ड रिजल्ट: सालाना मेहनत बनाम तीन मिनट की मशक्कत

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : साल भर जी-तोड़ मेहनत कर पढ़ाई करने वाले छात्रों के भविष्य का निर्धारण शिक्षक मात्र तीन मिनट में कर रहे हैं। ऐसे में प्रतिभाशाली छात्रों की योग्यता से कितना इंसाफ हो रहा है इसका अनुमान स्वत: लगाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन में शिक्षक नियमों की अनदेखी कर सिर्फ तीन मिनट में कॉपी जांच रहे हैं।

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यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के मानक तय है। जिसके अनुसार सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक मूल्यांकन कार्य होना चाहिए। इसमें एक घंटे का लंच ब्रेक निकाल दें तो भी नियमानुसार छह घंटे मूल्यांकन होना चाहिए। इस अवधि में शिक्षकों को 50 कॉपियां जांचनी होती है। लेकिन मूल्यांकन केंद्रों पर परीक्षक 11 बजे पहुंचकर दो-ढाई बजे तक कॉपियां निबटा कर उठ जाते हैं। जिन्हें किसी तरह से जुगाड़ से ज्यादा कॉपियां मिल जाती है, वह बैठे रहते हैं। एक मूल्यांकन केंद्र पर कॉपी जांच रहे परीक्षक एवं डिप्टी हैड नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं एक कॉपी जांचने में कम से कम पांच मिनट का समय लगता है लेकिन ज्यादा कॉपियां जांचने की होड़ में शिक्षक तीन मिनट से भी कम समय कॉपियों को दे रहे हैं।

जल्दबाजी में प्रभावित होता है मूल्यांकन

जल्दबाजी में परीक्षार्थियों की मेधा से इंसाफ नहीं हो पाता। सोमवार को एमजी कॉलेज में एक परीक्षक द्वारा जांची गई उत्तर पुस्तिका में कई जवाब बगैर जांचे मिलने के पीछे जल्दबाजी भी एक अहम वजह रही है। मूल्यांकन केंद्र पर कई परीक्षक दोपहर तक कॉपी जांच कर घर की तरफ दौड़ लगा लेते हैं।

विज्ञान की कॉपी में मिले 50 रुपये

मूल्यांकन के दौरान एमजी बालिका इंटर कॉलेज में कक्ष नंबर छह में एक विज्ञान की कॉपी में 50 रुपये मिले। पिछले सालों की तुलना में इस वर्ष उत्तर पुस्तिकाओं से धन निकलने की घटनाएं कम हो रही हैं। इसके पीछे माना जा रहा है कि सख्ती के दौरान छात्र पास होने के लिए रुपये भी रखते थे, लेकिन इस बार कॉपियां ही कोरी नहीं मिल रही हैं, ऐसे में धनराशि भी नहीं निकल रही है।

अफसरों की बात

''शाम पांच बजे तक मूल्यांकन केंद्र पर परीक्षक कॉपियां चेक करेंगे। 50 कॉपी जांचने का नियम है। हम खुद इसकी जांच करेंगे एंवं जांच कराएंगे। अगर कोई परीक्षक वक्त से पहले घर गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं मूल्यांकन केंद्रों को भी इस बाबत निर्देश जारी किए जाएंगे।''

-विधि नरायन, जिला विद्यालय निरीक्षक

फीरोजाबाद


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