मनरेगा : 18 करोड़ खातों में डंप
फतेहपुर, सिटी रिपोर्टर: तीस पंचायतों को कारण बताओ नोटिस और चार से रिकवरी की कार्रवाई के बाद भी हालात सुधरे नहीं बल्कि जहां पिछले माह थे, वहीं आज भी हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत खातों में 18 करोड़ रुपए होने के बाद भी विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं।
पिछले माह अक्टूबर में जिले की 786 ग्राम पंचायतों में कुल 39 करोड़ रुपया पड़ा था। इसमें से खर्च हुआ था 21 करोड़ रुपया। जिलाधिकारी कंचन वर्मा ने धीमी गति को तेज करने के निर्देश भी दिए थे। इससे पूर्व उन्होंने तीस पंचायतों को पैसा होने के बाद भी काम न करने के कारण नोटिस भी जारी की थी। जबकि चार ग्राम पंचायतों पर जांच के बाद उनसे रिकवरी के आदेश दिए थे। पांच खंड विकास अधिकारियों को भी मनरेगा में सुस्ती बरतने पर नोटिस दी गई थी। कार्रवाई का चाबुक चलने के बाद भी कोई सुधार होता नहीं दिखा। एक माह के बाद भी हालात पिछले माह से कुछ अलग नहीं हैं। ग्राम पंचायतों में शासन की ओर से मनरेगा योजना का 39 करोड़ रुपया पंचायतों में पड़ा था। इस धनराशि को अब तक खर्च हो जाना चाहिए था, लेकिन खातों में अभी भी 18 करोड़ रुपया अभी भी शेष पड़ा हुआ है। कुल मिलाकर जहां थे, वहीं पर एक माह बाद भी हैं।
इंसेट
नए काम जुड़ने से सुधार होगा
''मनरेगा में नए तीस काम जुड़ जाने के बाद पंचायतों में नए कार्यो को कराने का विकल्प मिल गया है, अब धनराशि को आसानी से खर्च कर नए कार्य कराए जा सकेंगे, इससे मनरेगा की प्रगति में सुधार होगा।''
-कंचन वर्मा, जिलाधिकारी
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