Move to Jagran APP

नहीं बरसे बदरा, उमस ने किया बेहाल

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : मानसून की लेटलतीफी अब हर एक को अखरने लगी है। स्थिति यह है कि लोग घरों से

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jun 2017 07:37 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jun 2017 07:37 PM (IST)
नहीं बरसे बदरा, उमस ने किया बेहाल
नहीं बरसे बदरा, उमस ने किया बेहाल

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : मानसून की लेटलतीफी अब हर एक को अखरने लगी है। स्थिति यह है कि लोग घरों से बाहर निकलने से डरते हैं। भीषण उमस व तपिश में मुंह को दुपट्टे से ढककर छतरी की छांव में कामकाजी महिलाएं गंतव्य को रवाना हुईं। विशेषकर छोटे बच्चों का तो बुरा हाल है। शहरी इलाकों में बिजली कम कटती है, लेकिन ग्रामीणांचलों में बिजली कटौती से आम जनमानस पसीना-पसीना हो गया। अब तो सभी की निगाहें आसमान की ओर टिकी हैं, कब भगवान इंद्र प्रसन्न हों और बारिश की फुहारों का दीदार हों। खेती-किसानी का काम भी पिछड़ता जा रहा है, अन्नदाता भी बारिश की चाह में आसमान की ओर देख रहा है।

loksabha election banner

लगभग तीन माह से पड़ रही भीषण तपिश कम होने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार को पारे ने तो थोड़ी मोहलत बरती लेकिन उमस व सूरज की करारी किरणों ने हर एक को बेहाल करके रख दिया। गर्मी में परिवार के साथ यात्रा करने वाले मुसाफिर व राहगीरों की स्थिति ज्यादा दयनीय रही। रेलवे स्टेशन व रोडवेज बस स्टाप पर पेयजल के लिए यात्री भटकते रहे। रेलवे प्लेटफार्म पर ट्रेनों के रुकते ही यात्री वाटर बूथों की तरफ दौड़ लगाते लेकिन भीड़ बढ़ जाने से कई यात्रियों को खाली बोतल लेकर वापस लौटना पड़ा। कुछ ऐसी ही स्थिति रोडवेज बस स्टाप पर भी देखने को मिली। यहां पर मुसाफिरों ने पानी बोतल खरीदकर गला तर किया। यमुना व गंगा तटवर्ती इलाकों में पेयजल संकट भी गहराया हुआ है। स्थिति यह है कि ज्यादातर इंडिया मार्का हैंडपंप जवाब दे चुके हैं। ऐसे में लोगों को पेयजल के लिए भोर पहर से दूरदराज के हैंडपंपों पर लाइन लगानी पड़ती है। वहीं मवेशियों के लिए पानी का प्रबंध करना भी पशुपालकों व किसानों के लिए मुश्किल हो रहा है। गांवों के ताल-तलैया सूख गए हैं, ऐसे में पशुपालकों ने दुधारू पशुओं के अलावा अन्य पशुओं को अन्ना छोड़ दिया है।

..........

पसीने तर बतर हुए नौनिहाल

- परिषदीय प्राथमिक, जूनियर सहित माध्यमिक विद्यालयों व कुछ कान्वेंट स्कूलों में तो अभी तीस जून तक छुट्टियां चल रही हैं। लेकिन शहर के कतिपय सीबीएसई व यूपीबोर्ड के कान्वेंट व मांटेसरी स्कूल मंगलवार से खोल दिए गए। ऐसे में पसीने से तर बतर होकर नौनिहाल स्कूलों को पहुंचे, वहीं दोपहर बाद हुई छुट्टियों के बाद तो उनका हाल बेहाल हो गया। छोटे बच्चे तो धूप में कुम्हला गए। अपने पाल्यों को लेने के लिए छतरी लेकर महिलाएं स्कूल पहुंच गईं या फिर मुख्य मार्ग पर स्कूल बस का इंतजार करती रहीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.