करोड़ों की पूंजी फंसाने वाले कारोबारियों में दहशत
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : नोटबंदी के बाद रियल स्टेट का लुढ़का धंधा खड़ा नहीं हो पा रहा है। शहर के आ
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : नोटबंदी के बाद रियल स्टेट का लुढ़का धंधा खड़ा नहीं हो पा रहा है। शहर के आस-पास की दस अरब से अधिक कीमत की जमीन पूंजीपतियों ने अपने कब्जे में तो ले रखी है, लेकिन केंद्र के बेनामी संपत्ति अधिनियम ने इनकी नींद उड़ा दी है। खरीद-फरोख्त का ग्राफ इतना गिर गया है कि प्रतिदिन एक सैकड़ा से अधिक होने वाले बैनामे पचास का आंकड़ा भी नहीं पार कर पा रहे है। आधी कीमत पर कोई लेने को तैयार नहीं हो रहा है। करोड़ों की फंसी पूंजी को निकालने के लिए कारोबारी खासे परेशान नजर आ रहे है।
पिछले एक दशक से लखपति बनने का जरिया बना प्ला¨टग का कार्य नोटबंदी के बाद कारोबारियों के लिए मुसीबत बन गया है। छह माह बीत जाने के बाद भी ठिठके धंघे में तेजी न आने से कारोबारी जमीन की जगह दूसरे धंधे की ओर रूख करने लगे है। केंद्र सरकार की बेनामी संपत्ति अधिनियम में गला फंसता देख कारोबारी भू-संपति को कानूनी रूप देने के लिए अधिवक्ताओं से राय-मशविरा कर रहे है। शहर के बहुआ रोड़ में तपस्वी नगर से शाह कस्बे तक, जीटी रोड हाईवे में नऊवा बाग से अल्लीपुर तक, गाजीपुर रोड में किमिधियापुर से चुरियानी गांव तक, इलाहाबाद की ओर जीटी रोड में किसान नगर से बिलंदा तक की जमीन पूंजीपतियों ने किसानों से खरीद लिया है। पूंजी में कई गुना इजाफा होने से व्यवसायी, सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, ठेकेदार आदि ने जमीन को लखपति बनने का जरिया मान कर कूद गए। अब स्थिति यह बनी कि वह जमीन को बेनामी संपत्ति से बचाने के लिए हाथ-पैर मार रहे है। पिछले छह माह से रियल स्टेट के क्षेत्र में पूंजी निवेश गिरकर बीस फीसद रह गया है।
किसानों से कराया एकरारनामा
शहर से दस किलोमीटर की परिधि में आने वाली जमीन को पूंजीपतियों ने या तो किसी दूसरे के नाम से खरीद रखी है या फिर उसका एकरारनामा करा लिया है। पूंजीपतियों के मर्जीं पर किसान ही उस प्लांट का बैनामा करता है, लेकिन उसे धनराशि पहले से तयशुदा के अनुसार ही दी जाती है। बताते है कि किसानों से दस से पंद्रह लाख का बीघा जमीन खरीदकर कारोबारी सत्तर से अस्सी लाख तक की कमाई करते आ रहे है।
आधार कार्ड से होगा खुलासा
अपर जिलाधिकारी ने कहा कि रजिस्ट्री में जमीन लिखाने व बेंचने वालों को आधार कार्ड देना होगा। आधार कार्ड से परिवार के किसी भी सदस्य के नाम भू-संपत्ति होगी उसका विवरण रिकार्ड में रहेगा।