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दिनभर रही उमस, अब बारिश की आस

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : झमाझम बारिश के साथ आखिर मानसून कब आएगा, सबकी निगाह इसी पर टिकी है। रविवार

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jun 2017 01:01 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jun 2017 01:01 AM (IST)
दिनभर रही उमस, अब बारिश की आस
दिनभर रही उमस, अब बारिश की आस

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : झमाझम बारिश के साथ आखिर मानसून कब आएगा, सबकी निगाह इसी पर टिकी है। रविवार को बादलों की लुकाछिपी के बीच निकली चटख धूप से उमस भरी गर्मी लोगों को बेहाल किए रही। पंखा व कूलर भी उमस को दूर नहीं कर पा रहे थे। आषाढ़ महीने में इस तरह की गर्मी से आम जन तो बेहाल ही है, धान की नर्सरी तैयार होने से किसान रोपाई के लिए झमाझम बारिश का इंतजार कर रहे हैं।

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पिछले एक सप्ताह से बादलों की आवाजाही से किसान इस बात को लेकर खुश थे कि इस बार समय से मानसून की दस्तक हो जाएगी। आषाढ़ के मेघा रोज आते हैं और घुमड़कर चले जाते है। अभी तक बूंदाबांदी के अलावा बारिश न होन से धान की रोपाई व पौधरोपण का कार्य ठप चल रहा है, वहीं आम-जामुन का स्वाद बेमजा हो रहा है। बाग मालिकानों का कहना है कि बारिश न होने से आम की फसल में भारी घाटा लग रहा है। रसीला आम न होने से मिठास के साथ वजन प्रभावित हो रहा है। डाल में आम पकने के बजाए सूख रहा है। मौसम विभाग ने भी पंद्रह से बीस जून के बीच मानसून आने की संभावना जताई थी। जून माह अलविदा होने के करीब पहुंच रहा है और अभी तक झमाझम बारिश न होने से खेती-किसानी की तैयारियों में लगे किसान तो मायूस हो ही रहे है। आषाढ़ माह में रिमझिम फुहारों की जगह चटख धूप व उमस जेठ की दुपरिहा का दर्द दे रही है। गर्मी से राहत पाने के लिए सभी की निगाहें आसमान पर टिकी है। रविवार को सुबह थोड़ी देर के लिए बादल आए फिर तेज धूप निकल आई। हवा की ठपकी से हालात ऐसे है कि लोग पसीना-पसीना हो रहे है। हाइब्रिड व अगेती धान की फसल के लिए नर्सरी तैयार है, बारिश न होने से किसान रोपाई नहीं कर पा रहा है। किसान रामसुमेर, पुरूषोत्तम ¨सह, सियाराम आदि ने कहा कि दो-चार दिन में बारिश न हुई तो नलकूप से खेत में पानी भरकर धान की रोपाई करनी पड़ेगी। नर्सरी तीस दिन से अधिक हो जाएगी तो रोपाई के लिए उपयुक्त नहीं होगी। जिले में तकरीबन 80 हजार हेक्टेअर में धान की रोपाई का लक्ष्य रखा गया है। इसी प्रकार पौधरोपण में भी बारिश का इंतजार किया जा रहा है। शासन ने एक जुलाई से वन महोत्सव मनाने के निर्देश जारी किए है। पौधरोपण के लिए यह जरूरी है कि एक-दो झमाझम बारिश हो जाए जिससे जमीन के निचले स्तर तक नमी पहुंच जाए। हल्की-फुल्की बारिश में पौधरोपण कर भी दिया जाएगा तो पौध चल नहीं पाएगा।

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तैयारी पूरी

- जिला कृषिअधिकारी रविकांत ¨सह ने कहा कि धान की नर्सरी कुछ किसानों की तैयार हो गई और कुछ किसान तैयार कर रहे है। मौसम विभाग के अनुसार एक-दो दिन में बारिश की पूरी संभावना है। झमाझम बारिश हो जाए तो धान की रोपाई तेजी के साथ शुरू हो जाएगी। इसके साथ ज्वार, बाजरा, तिल की बुआई के लिए भी किसान बारिश का इंतजार कर रहे है। जिला वन अधिकारी मानिक चंद्र व उद्यान अधिकारी एके श्रीवास्तव ने बताया कि पौध पर्याप्त संख्या में तैयार है। एक-दो बार बारिश हो जाए तो पौधरोपण के लिए अनुकूल माहौल बन जाएगा।


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