मूल्यांकन में डीएचई-परीक्षकों की कमी
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन उस गति से नहीं चल पा रहा ह
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन उस गति से नहीं चल पा रहा है, जिसका सपना देखा गया था। सुस्त गति से चल रहे मूल्यांकन के काम में प्रधान परीक्षक (डीएचई) और परीक्षकों की संख्या में भारी कमी का कारण माना जा रहा है। पड़ताल में उजागर हुआ है कि बोर्ड से आई ड्यूटी में संबंधित परीक्षक के विषय को गलत दर्शा दिया गया है। वहीं तमाम परीक्षक मूल्यांकन के काम में आने से कतरा रहे हैं। चारों केंद्रों में इन दोनों समस्याओं को दूर करके मूल्यांकन के काम में तेजी लाने के प्रयास किए जाते रहे। दिनभर चले मूल्यांकन में 29,669 उत्तर पुस्तिकाएं जांची गई हैं।
बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन के लिए हाईस्कूल स्तर पर सदशिव इंटर कॉलेज रेलबाजार, एएस इंटर कॉलेज और इंटर स्तर में जीआईसी और जीजीआईसी को केंद्र बनाया गया है। इन शिक्षण संस्थानों प्रधानाचार्यों को उप नियंत्रक बनाया गया है। मूल्यांकन के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जिन डीएचई और परीक्षकों को ड्यूटी में मुस्तैद किया है वह मूल्यांकन केंद्र नहीं पहुंच रहे हैं। इनकी संख्या बहुतायत है। एएस कॉलेज मूल्यांकन के लिए 48 डीएचई लगाए गए हैं जिसमें अभी तक महज 37 ने कार्यभार ग्रहण किया है इसी तरह 448 परीक्षकों की जगह 236 ने कार्यभार संभाला है। जीजीआईसी में 25 डीएचई के सापेक्ष 18 तो 226 परीक्षकों के सापेक्ष 120 तथा रेलबाजार इंटर कॉलेज मूल्यांकन केंद्र में 41 डीएचई के सापेक्ष 32 तथा 418/176 तथा जीआईसी में 43 डीएचई के सापेक्ष 38 तथा 401 परीक्षकों के सापेक्ष 393 ने कार्यभार ग्रहण किया है। डीआईओएस नंदलाल यादव ने बताया कि समस्याओं का खात्म हो रहा है। जहां पर परीक्षकों का विषय गलत दर्ज हो गया है उसको सुधार कर भेजा जा रहा है। नए डीएचई बनाए जा रहे हैं जिससे कि मूल्यांकन के काम को और रफ्तार दिलाई जा सके। दिनभर में 29 हजार से ज्यादा उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया गया है।
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केंद्र का नाम मूल्यांकित कॉपियां आवंटित कॉपियां
एएस कॉलेज 8978 1,26,000
जीआईसी 10,422 1,81,000
जीजीआईसी 5132 87,000
रेलबाजार इंका 5117 1,01,955