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मैनपुरी-शिवाकाशी से बारूद की आमद

फतेहपुर, जागरण संवाददाता : दीपावली पर लाखों कमाने के लालच में शहर व ग्रामीण क्षेत्र बारूद के ढेर से

By Edited By: Published: Fri, 21 Oct 2016 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 21 Oct 2016 01:01 AM (IST)
मैनपुरी-शिवाकाशी से बारूद की आमद

फतेहपुर, जागरण संवाददाता : दीपावली पर लाखों कमाने के लालच में शहर व ग्रामीण क्षेत्र बारूद के ढेर से घिरे हुए हैं। शिवाकाशी व मैनपुरी से बारूद की आमद कर पटाखा निर्माण कारोबारी बिना लाईसेंस नवीनीकरण के ही चोरी छिपे पटाखा निर्माण कर रहे हैं, जिससे शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में मौत का खतरा मंडरा रहा है और सिविल व फायर फाइ¨टग टीम मूकदर्शक बनी हुई है। आतिशबाजों ने मैनपुरी व शिवाकाशी से बारूद की आमद भी करा ली है, लेकिन फायर फाइ¨टग टीम नवीनीकरण की रिपोर्ट लगाने में ही मशगूल है। बताते चलें कि जिले के सदर तहसील में स्थायी पटाखा बिक्री लाईसेंस के कारोबारी 23, ¨बदकी तहसील में 16 व खागा तहसील में 15 हैं, जिनके पास पटाखा निर्माण व रेडीमेड बिक्री का लाईसेंस रहता है, जबकि 145 के करीब अस्थायी लाईसेंस धारक हैं जो दीपावली पर्व आने के तीन दिन पूर्व से रेडीमेड पटाखे मंगवाकर बिक्री करते हैं। हालांकि अभी लाईसेंस नवीनीकरण के लिए फायर ब्रिगेड विभाग में तीनों तहसीलों के लाईसेंसधारक दौड़ लगा रहे हैं और चोरी छिपे आबादी के बाहर मैदान व कच्ची कोठरी में पटाखा का निर्माण भी कर रहे हैं। पटाखों में 125 डेसीबल क्षमता से अधिक ध्वनि के सुतली बम व हथगोला बनाए जा रहे हैं। बताते हैं कि बिना किसी मानक के जिले के पहाड़ीपुर, अंदौली, उधन्नापुर, सनगांव, हुसेनगंज, जमरावां, रजाबाद, बिलंदा, शाह, आंबापुर, जहानाबाद, चखेड़ी, जाफरगंज, गढ़ी, हबीबपुर आदि जगहों पर पटाखा निर्माण चल रहा है। उसके बावजूद फायर फाइ¨टग टीम सतर्क नहीं हो रही है।

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क्या है पटाखा निर्माण के मानक

- 125 डेसीबल ध्वनि से अधिक क्षमता के पटाखा न हों

- पटाखा निर्माण के वक्त दो पानी के ड्रम, बालू, मिट्टी हो

- अग्निशामक यंत्र अवश्य रखना चाहिए

- पटाखा निर्माण आबादी के बाहर तालाब के निकट हो

- निर्माण के वक्त बच्चों को नहीं बिठाना चाहिए

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रसायनिक पदार्थो से बन रहे पटाखे

फतेहपुर : लाईसेंस धारकों की आड़ में कुछ अवैध पटाखा निर्माण कारोबारियों ने शिवाकाशी व मैनपुरी जिले के साथ शहर के लाठी मोहाल नियर लालाबाजार से बारूद की आमद करवा ली है और रसायनिक पदार्थो नाइट्रेट शोरा, पोटेशियम, लोहे का बुरादा, कोयला, सल्फर, लेई, गत्ता, कागज, सुतली व बारुद का मिश्रण करके विस्फोटक पटाखे तैयार कर रहे हैं। बताते हैं कि मंहगे दामों में बिक्री के लिए कारोबारी तेज ध्वनि के पटाखा तैयार कर रहे हैं।

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छापेमारी की कार्रवाई शुरू : सीएफओ

फतेहपुर : मुख्य अग्निशमन अधिकारी रामबाबू गौतम का कहना था कि बिना लाईसेंस नवीनीकरण के कारोबारी पटाखा निर्माण नहीं कर रहे हैं और लाईसेंस प्राप्त करने के बाद जो आतिशबाज पटाखा निर्माण कर रहे हैं, वह मानक के अनुसार 125 डेसीबल ध्वनि से कम के पटाखा निर्माण ही कर रहे हैं। कहा कि फायर फाइ¨टग टीम ग्रामीणों की सूचना मिलने पर छापा मारकर चे¨कग भी कर रही है।


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