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कूड़ा प्लांट में ताला, सड़कों के किनारे लगते ढेर

फतेहपुर, जागरण संवाददाता : कूड़ा निस्तारण के लिए बनाया गया प्लांट पालिका और कार्यदाई संस्था के बीच पन

By Edited By: Published: Mon, 29 Aug 2016 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 29 Aug 2016 01:00 AM (IST)
कूड़ा प्लांट में ताला, सड़कों के किनारे लगते ढेर

फतेहपुर, जागरण संवाददाता : कूड़ा निस्तारण के लिए बनाया गया प्लांट पालिका और कार्यदाई संस्था के बीच पनपे विवाद के चलते ठप पड़ा हुआ है। विवाद के चलते शहर में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था औंधे मुंह गिर गई है। फिलहाल कूड़ा निस्तारण के योजना सफल होती थी नहीं दिख रही है। प्लांट में ताला जड़ा होने के चलते शहर से निकलने वाला कूड़ा परेशानी का सबब बना हुआ है। तीन लाख की आबादी वाले शहर में प्रतिदिन 54 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। विभिन्न मुहल्ले के कूड़ा घरों से निकलने वाला कूड़ा बंद हुए प्लांट के बजाए सड़क के किनारे फेंका जा रहा है। शहर के शांतीनगर, नउबाबाग बाइपास, राधानगर, नई तहसील, पक्का तालाब जैसे शहर के कोनों में कूड़े के बड़े बड़े ढेर लगे हुए हैं। बीते तीन साल से यह समस्या सुलझती हुई नहीं दिखाई दे रही है। कूड़ा उठाने और फेंकने के नाम पर लाखों रुपए का डीजल और मानव श्रम बर्बाद हो रहा है। सीमा के मुख्य सड़कों में पड़ा कूड़ा शहर आगमन की जानकारी दे रहा है।

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कूड़े से प्लांट में बनती थी खाद

- शहर से सटे मलाका गांव के पास वर्ष 2009 में प्लांट लगाया गया था। शासन के निर्णय पर इस प्लांट को ए-टू-जेड कंपनी के हवाले कर दिया गया था। कंपनी शहर से निकलने वाले कूड़ा-कचरे से खाद बनाती थी। यह खाद पूरी तरह जैविक थी। जिसे किसानों को दाम अदा करने के बाद दिया जाता रहा है। यह योजना पांच साल तक चली लेकिन तीन साल से यह प्लांट पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है। लेन-देन के विवाद में यह काम ठप हो गया है। पालिका कंपनी को गलत करार दे रहा है तो कंपनी पालिका को दोषी ठहरा रहा है।

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बरसात के दिनों में संक्रामक बीमारी का खतरा

शहर से निकलने वाले कूड़ा-कचरे को जिस तरह से सड़क के किनारे फेंका जाता है उससे बरसात के दिनों में यह सड़ रहा है। पालिका प्रशासन की यह बिना संजीदगी पूर्ण काम संक्रामक बीमारियों को न्योता दे रहा है। बरसात के दिनों में सड़ांध से निकलना दूभर हो रहा है। सड़ांध के चलते सड़क से निकलने वालों को मुंह में रुमाल रखकर गुजरना पड़ रहा है। कूड़े के निस्तारण की ठोस योजना न होने से स्वच्छ भारत मिशन को गहरा धक्का लग रहा है।

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क्या बोले जिम्मेदार

प्लांट बंद हो जाने से कूड़ा निस्तारण में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्लांट के चलने से कूड़ा बाहर नहीं डाला जाता था साथ ही कूड़े से खाद बनने के चलते यह मांग में शामिल हो गया था। मौजूदा समय में अजगवां वार्ड में पड़ी पालिका की जमीन में कूड़ा मजबूरी में डलवाया जा रहा है। प्लांट के चलाए जाने को लेकर कंपनी और एक प्राइवेट फर्म से बात चल रही है। जल्द की फाइनल होने की आशा है इसके बाद समस्या का अंत हो जाएगा।

आबिद अली, सफाई निरीक्षक नगर पालिका


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